Modi Cabinet 3.O: मोदी सरकार में विभागों के बंटवारे के बाद अब मंत्रियों ने अपना-अपना पदभार संभालना शुरू कर दिया है। अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार सुबह रेल और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। नौकरशाह की जिम्मेदारी निभाने के बाद राजनीति में आए अश्विनी वैष्णव, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में रेलवे क्षेत्र में सुधार और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल की स्थापना की कोशिशों के लिए जाने जाते हैं। उन्हें मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के लिए भी रविवार को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
ओडिशा से राज्यसभा सदस्य वैष्णव को 2002 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यालय में उप सचिव नियुक्त किया गया था। उस समय भारतीय जनता पार्टी (BJP) का बीजू जनता दल (BJD) के साथ गठबंधन था। जुलाई 2021 में मोदी मंत्रिमंडल 2.0 में उनका शामिल होना कई लोगों के लिए आश्चर्य की बात थी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के पूर्व छात्र वैष्णव को रेलवे, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
इसके अलावा सुरेश गोपी ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और गिरिराज सिंह ने कपड़ा मंत्री का पदभार संभाला। वहीं, पबित्रा मार्गेरिटा ने कपड़ा मंत्रालय में राज्य मंत्री का पदभार संभाला। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बिजली मंत्री का अपना कार्यभार संभाल लिया है। रविवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने वाले खट्टर अब केंद्रीय बिजली मंत्री के रूप में अपनी नई पारी शुरू करने जा रहे हैं।
विदेश मंत्री ने संभाला कार्यभार
राजनयिक से नेता बने एस. जयशंकर ने मंगलवार को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए विदेश मंत्री के रूप में पदभार संभाला। जयशंकर (भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उन वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं, जिन्हें पिछली सरकार में संभाले गए मंत्रालयों की ही जिम्मेदारी दी गई है। राजनाथ सिंह, अमित शाह, नितिन गडकरी और निर्मला सीतारमण सहित कई वरिष्ठ नेताओं को फिर से वही मंत्रालय सौंपा गया है, जो पिछली सरकार में उनके पास था।
जयशंकर ने X पर कहा, ''विदेश मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। मुझे यह जिम्मेदारी सौंपने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद।'' विदेश मंत्री के रूप में वर्ष 2019 से कार्यभार संभालने वाले जयशंकर ने वैश्विक मंच पर कई जटिल मुद्दों को लेकर भारत के रुख को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने की अपनी क्षमता का आत्मविश्वास के साथ प्रदर्शन किया है।
जयशंकर ने यूक्रेन में युद्ध के मद्देनजर रूस से कच्चे तेल की खरीद पर पश्चिमी देशों की आलोचना को निष्प्रभावी करने से लेकर चीन से निपटने के लिए एक दृढ़ नीति- दृष्टिकोण तैयार करने तक प्रधानमंत्री मोदी की पिछली सरकार में अच्छा काम करने वाले अग्रणी मंत्रियों में से एक के रूप में उभरे।
उन्हें विदेश नीति के मामलों को खासकर भारत की जी-20 की अध्यक्षता के दौरान घरेलू पटल पर विमर्श के लिए लाने का श्रेय भी दिया जाता है। वर्तमान में जयशंकर गुजरात से राज्यसभा के सदस्य हैं। जयशंकर ने (2015-18) तक भारत के विदेश सचिव, अमेरिका में राजदूत (2013-15), चीन में (2009-2013) और चेक गणराज्य में राजदूत (2000-2004) के रूप में कार्य किया है।