एक भी सीट नहीं जीतने के बावजूद, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2024 के लोकसभा चुनाव में DMK या AIADMK के साथ कोई गठबंधन किए बिना, तमिलनाडु में अपना वोट शेयर दोहरे अंक में बढ़ा लिया है। अन्नाद्रमुक के साथ संबंध तोड़ने के बाद, जिसने 2019 के लोकसभा चुनाव और 2021 के राज्य विधानसभा चुनाव में भागीदारी की थी, BJP ने तमिलनाडु में पहली बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का नेतृत्व करने के लिए पट्टाली मक्कल काची (PMK), तमिल मनीला कांग्रेस (मूपनार), अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (AMMK) और कुछ दूसरे छोटे दलों को शामिल किया।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, बीजेपी ने राज्य की 23 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़कर 11.24 फीसदी वोट हासिल किए। पार्टी 19 लोकसभा सीटों पर सीधे मैदान में उतरी और उसके चार सहयोगियों ने BJP के कमल के निशान पर चुनाव लड़ा। हालांकि, उनका कोई भी उम्मीदवार विजयी नहीं हुआ।
कांग्रेस से थोड़ा बेहतर किया प्रदर्शन
पार्टी कांग्रेस से थोड़ा बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रही, जिसने तमिलनाडु में 9 सीटों पर INDIA ब्लॉक के घटक के रूप में चुनाव लड़ा और 10.67% वोट हासिल किया। 2019 के आम चुनाव में इसका वोट शेयर लगभग 3.6% था, जब पार्टी ने पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के.अन्नामलाई कोयंबटूर से हार गए। त्रिकोणीय मुकाबले में, अन्नामलाई ने अन्नाद्रमुक के सिंगाई जी.रामचंद्रन को पीछे छोड़ दिया, लेकिन द्रमुक के गणपति पी. राजकुमार से पिछड़ गए।
शुरुआत में जगी उम्मीद फिर हुई हार
भाजपा के कुछ दूसरे जाने माने चेहरे, जो हार के बावजूद दूसरे नंबर पर रहे, अन्नाद्रमुक को तीसरे स्थान पर धकेल दिया, उनमें नीलगिरी (SC) में केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन, चेन्नई दक्षिण में तेलंगाना के पूर्व राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन, तिरुनेलवेली में BJP विधायक दल के नेता नैनार नागेंथ्रान और कन्याकुमारी में पूर्व केंद्रीय मंत्री पोन. राधाकृष्णन, BJP की सहयोगी पुथिया नीति काची के एसी शनमुगम भी वेल्लोर में दूसरे स्थान पर रहे।
दिलचस्प बात ये है कि तमिलनाडु में NDA के सभी उम्मीदवारों में से केवल PMK की सौम्या अंबुमणि ने शुरुआती दौर की गिनती में बढ़त बनाकर गठबंधन को उम्मीद जगाई, लेकिन वो भी करीब 20,000 वोटों से हार गईं।
2009 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी तमिलनाडु में 18 सीटों पर लड़ी थी, लेकिन एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी। तब राज्य में उसका वोट प्रतिशत 2.3% था।
2014 में सिर्फ एक सीट पर बीजेपी की हुई जीत
2014 में भगवा पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में केंद्र में सरकार बनाई। हालांकि, मोदी लहर के बावजूद पार्टी इस चुनाव में भी कुछ खास कमाल नहीं कर पाई।
बीजेपी ने नौ लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से केवल एक पर उसे जीत मिली। इस दौरान उसका वोट प्रतिशत भी महज 5.5% रहा। इस बार पार्टी का वोट शेयर थोड़ा बढ़ गया था।
2019 में BJP की नहीं आई कोई सीट
वहीं अगर बात करें 2019 के लोकसभा चुनाव की, जब पार्टी ने रिकॉर्ड सीट जीत कर सत्ता में दमदार वापसी की थी, तब भी तमिलनाडु में बीजेपी का मैजिक नहीं चल पाया था।
इस बार पार्टी ने राज्य की पांच लोकसभा सीटों पर ताल ठोकी, लेकिन एक पर भी उसके कामयाबी नहीं मिली। इसके साथ ही 2014 के मुकाबले इस बार उसका वोट प्रतिशत भी घट गया, जो 3.7% पर आ गया।