UP Chunav Exit Polls 2024 Results Live: उत्तर प्रदेश में सातवें और आखिरी चरण का मतदान समाप्त हो चुका है। न्यूज18 मेगा एग्जिट पोल के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाला NDA गठबंधन उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटों में से 68-71 सीटों के साथ फिर से बहुमत दर्ज करने के लिए तैयार है। News18 Exit Poll के मुताबिक, I.N.D.I.A. गठबंधन को 9 से 12 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। 64 से 68 सीटें बीजेपी की झोली में आ सकती हैं
UP Chunav 2024 Poll LIVE: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान समाप्त होने के बाद तमाम न्यूज चैनलों और एजेंसियों द्वारा किए गए एग्जिट पोल के नतीजे सामने गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस बार के आम चुनाव में अकेले 370 और NDA गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ मिलकर 400 सीटों से ज्यादा के लक्ष्य को हासिल करने की तैयारी में है। बीजेपी को इस बार स
UP Chunav 2024 Poll LIVE: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान समाप्त होने के बाद तमाम न्यूज चैनलों और एजेंसियों द्वारा किए गए एग्जिट पोल के नतीजे सामने गए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) इस बार के आम चुनाव में अकेले 370 और NDA गठबंधन के सहयोगी दलों के साथ मिलकर 400 सीटों से ज्यादा के लक्ष्य को हासिल करने की तैयारी में है। बीजेपी को इस बार सीट बढ़ोतरी की सबसे ज्यादा उम्मीद उत्तर प्रदेश से है। उत्तर प्रदेश में 2019 में बीजेपी प्रदेश की 80 में से 78 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 2 सीटें सहयोगी अपना दल (S) को दी थी।
लोकसभा सीटों के मामले में उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। कहा जाता है कि दिल्ली की कुर्सी का रास्ता उत्तर प्रदेश से ही होकर गुजरता है। यानी जिसने यूपी में सबसे अधिक सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया, समझ लो दिल्ली की सत्ता उसके हाथ में आ जाती है। यूपी में सभी 7 चरणों में आम चुनाव हुए हैं। पहला चरण 19 अप्रैल को हुआ। जबकि तो सातवें और अंतिम चरण के तहत 1 जून को 13 सीटों पर वोटिंग चल रही है। अब 4 जून को नतीजों का इंतजार है। राज्य की सभी सीटों पर बीजेपी और सपा के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है।
SP-BSP गठबंधन के कारण पिछले चुनाव में बीजेपी को अकेले 62 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। हालांकि, बाद में हुए उपचुनाव में बीजेपी ने सपा से आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट छीन ली। पार्टी को यह उम्मीद है कि इस बार वह उत्तर प्रदेश में जीत का नया रिकॉर्ड बना सकती है।
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें तय करती हैं कि देश की सत्ता में कौन काबिज होगा? यह भी तय करती हैं कि आने वाले भविष्य में कौन गठबंधन कहां तक आगे जाएगा और कहां जाकर गिरा दिखाई देगा। 2019 में NDA को 64 सीटें मिली थीं। बीजेपी ने 62 (2014 में 71) और अपना दल (एस) ने दो सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि बीएसपी ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं, समाजवादी पार्टी को 5 सीटें मिली थीं। जबकि कांग्रेस ने एक सीट रायबरेली में जीत हासिल की थी।
गोरखपुर संसदीय सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सीधी प्रतिष्ठा से जुड़ा है, जहां से योगी लगातार पांच बार सांसद रह चुके हैं। अब तक दो उप चुनावों (1970 और 2018) समेत कुल 19 बार हुए चुनावों में गोरखपुर सीट पर योगी के अलावा चार बार उनके गुरु महंत अवैद्यनाथ और एक बार गुरु महंत दिग्विजय नाथ सांसद रह चुके हैं। योगी गोरखपुर शहर के विधायक और प्रसिद्ध गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी हैं।
कांग्रेस की हालत 'करो या मरो' जैसी
उत्तर प्रदेश को एक समय कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता था। अमेठी और रायबरेली निर्वाचन क्षेत्रों ने हमेशा गांधी-परिवार के लोगों को संसद भेजा। हालांकि, कांग्रेस अब लोकसभा में केवल एक सांसद और 403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधान सभा में केवल दो विधायक तक सिमट कर रह गई है। इस लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में करो या मरो की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी में आत्मविश्वास और नेतृत्व की कमी है, साथ ही उम्मीदवार भी नहीं मिल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद में फिलहाल कांग्रेस का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यूपी में 6.36 फीसदी वोट मिले थे। इन चुनावों में सबसे बड़ा झटका यह था कि पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को अमेठी में हार का सामना करना पड़ा, जहां पिछले चुनाव में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की जीत हुई थीं।
कार्यकर्ता निराशा में डूब गए और 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में पार्टी का वोट शेयर घटकर मात्र 2.33 प्रतिशत रह गया। अगर इस बार पार्टी का प्रदर्शन और गिरता है तो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का कोई प्रतिनिधित्व नहीं रह जाएगा। यह एक ऐसा राज्य है, जिसने देश को 9 प्रधानमंत्री दिए हैं।