लोकसभा चुनाव में UP में BJP के इन सात केंद्रीय मंत्रियों को करना पड़ा हार का सामना, क्या इन्हें जानते हैं आप?
Lok Sabha Chunav 2024 Result: ये सात उन 11 केंद्रीय मंत्रियों में से थे, जिन्हें बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों से मैदान में उतारा था। UP की योगी आदित्यनाथ सरकार के दो मंत्रियों को भी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा
Lok Sabha Chunav 2024 Result: लोकसभा चुनाव में UP में BJP के इन सात केंद्रीय मंत्रियों को करना पड़ा हार का सामना
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका दिया, जिसने राज्य में 29 सीटें खो दीं, जिससे उसका वोट शेयर 2019 में 49.98% के ऑल टाइम हाई से घटकर 41.37% हो गया। समाजवादी पार्टी (SP), जो कि INDIA ब्लॉक का हिस्सा है, उसने उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें जीतीं। अखिलेश यादव की सपा ने 80 लोकसभा सीटों में से 37 सीटें जीतीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 33 सीटें जीतीं। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में 6 सीटें हासिल कीं। देशभर में 99 सीटें जीत कांग्रेस विपक्ष के INDIA गठबंधन में सबसे बड़ी पार्टी बनी।
भारतीय जनता पार्टी के लिए अपनी सीट सुरक्षित करने में असफल रहे उम्मीदवारों की लिस्ट में सात केंद्रीय मंत्रियों के नाम भी शामिल हैं। आइए जानते उन सभी दिग्गज नेताओं के बारे में..
स्मृति ईरानी
राज्य में बीजेपी के लिए सबसे बड़ा झटका अमेठी की हार है, जहां निवर्तमान सांसद और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी गांधी परिवार के वफादार कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा से 1,67,196 वोटों से हार गईं। इस सीट के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में शर्मा की घोषणा को कई लोगों ने ईरानी के लिए एक वॉकओवर के रूप में देखा, क्योंकि 2019 में उन्होंने अमेठी से राहुल गांधी को हराकर एक कीर्तिमान अपना नाम किए था।
हार के बाद ईरानी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “मैं उन सभी भाजपा पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के प्रति आभार व्यक्त करती हूं, जिन्होंने अत्यंत समर्पण और निष्ठा के साथ निर्वाचन क्षेत्र और पार्टी की सेवा में काम किया है। आज मैं पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की आभारी हूं कि उनकी सरकार ने 30 साल के लंबित कामों को सिर्फ 5 साल में पूरा किया है। मैं जीतने वालों को बधाई देती हूं।"
उन्होंने आगे लिखा, “उन लोगों के लिए जो हार और जीत में मेरे साथ खड़े रहे, मैं हमेशा आभारी हूं। आज जश्न मनाने वालों को बधाई और जो लोग पूछते हैं, How’s the josh?’ मैं कहती हूं- it’s still high, Sir।'
अजय मिश्रा टेनी
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी खीरी लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के उत्कर्ष वर्मा से 34,329 वोटों से हार गए। वो तीसरे कार्यकाल के लिए चुनावी मैदान में थे और उसी सीट से हैट्रिक बनाने का लक्ष्य बना रहे थे।
टेनी को लखीमपुर खीरी घटना पर नाराजगी का सामना करना पड़ा, जिसमें उनके बेटे पर केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे कई किसानों को गाड़ी से कुचलने और मारने का आरोप लगाया गया था।
संजीव बालियान
दूसरा बड़ा उलटफेर मुजफ्फरनगर से हुआ, जहां दो जाट नेताओं के बीच कांटे की टक्कर रही। सपा के हरेंद्र मलिक ने केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री संजीव बालियान को करीबी मुकाबले में हराया। बालियान 24,672 वोटों से हार गए।
संजीव बालियान ने इससे पहले 2014 और 2019 में मुजफ्फरनगर सीट जीती थी। जनादेश पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने X पर लिखा, “मुजफ्फरनगर की जनता का फैसला स्वीकार है। मैं भविष्य में भी आपके सुख-दुख में आपके साथ रहूंगा।”
भानु प्रताप सिंह वर्मा
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) राज्य मंत्री भानु प्रताप वर्मा यूपी के जालौन से सपा के नारायण दास अहिरवार से 53,898 वोटों से हार गए।
मंत्री को 4,76,282 वोट मिले, जबकि अहिरवार को 5,30,180 वोट मिले। वर्मा इस सीट से पांच बार सांसद हैं, उन्होंने 1996, 1998, 2004, 2014 और 2019 में जीत हासिल की थी।
साधवी निरंजन ज्योति
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति यूपी के फतेहपुर से सपा के नरेश चंद्र उत्तम पटेल से 33,199 वोटों से हार गईं।
उन्होंने 2014 और 2019 में निर्णायक रूप से 1.8 लाख और 1.9 लाख के अंतर से वो सीट जीती थी और तीसरे कार्यकाल के लिए लक्ष्य बना रही थीं।
कौशल किशोर
समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आरके चौधरी ने मोहनलालगंज (रिजर्व) संसदीय सीट पर केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री और बीजेपी उम्मीदवार कौशल किशोर पर 70,292 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
चुनाव आयोग के मुताबिक, चौधरी को 6,67,869 वोट मिले, जबकि किशोर को 5,97,577 वोट मिले। 2015 में जिला पंचायत चुनाव लड़ने वाले बसपा के राजेश कुमार ने 88,461 वोट हासिल किए।
किशोर, जिन्होंने पहले 2014 और 2019 में भाजपा के लिए मोहनलालगंज सीट जीती थी, इस बार हैट्रिक हासिल करने में असफल रहे।
ये मुकाबला बड़ा ही जबरदस्त था, क्योंकि दो बार इस सीट पर रहने वाले कौशल किशोर को समाजवादी पार्टी और INDIA ब्लॉक के आरके चौधरी के साथ-साथ बसपा के राजेश कुमार से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। इस चुनाव ने संसदीय क्षेत्र में वोटर्स भावनाओं में एक बड़े बदलाव को उजागर किया, जिससे किशोर की जीत का सिलसिला थम गया।
महेंद्र नाथ पांडे
समाजवादी पार्टी के बीरेंद्र सिंह ने चंदौली संसदीय क्षेत्र में बीजेपी के केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे को लगभग 21,000 वोटों से हराया। 2011 की जनगणना के अनुसार, चंदौली, जहां 1 जून को सातवें चरण में मतदान हुआ, वहां अनुसूचित जाति की आबादी 4,46,786 है और अनुसूचित जनजाति की आबादी 41,725 है। मतदान प्रतिशत बड़ा जबरदस्त था।
ये जीत 2014 के चुनावों से एक बदलाव का प्रतीक है, जहां भाजपा के महेंद्र नाथ पांडे ने 4,14,135 वोटों (42.23%) के साथ निर्णायक जीत हासिल की, जो मतदाताओं के साथ पार्टी के मजबूत संबंध को दर्शाता है।
2014 में, बहुजन समाज पार्टी (BSP) के उम्मीदवार अनिल कुमार मौर्य 2,57,379 वोट (26.25%) के साथ उपविजेता रहे। एक उत्साही अभियान के बावजूद, बसपा पिछड़ गई। हालांकि, 2024 में, मतदाताओं ने समाजवादी पार्टी का समर्थन किया, जो चंदौली में राजनीतिक गतिशीलता में बदलाव का संकेत है।
योगी के दो मंत्रियों को भी मिली हार
ये सात उन 11 केंद्रीय मंत्रियों में से थे, जिन्हें बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों से मैदान में उतारा था। UP की योगी आदित्यनाथ सरकार के दो मंत्रियों को भी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस के राहुल गांधी ने रायबरेली में बागवानी, कृषि विपणन और कृषि विदेश व्यापार मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह को 3,90,000 वोटों से हराया। मैनपुरी में सपा की डिंपल यादव ने यूपी सरकार के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह को 2,21,000 वोटों से हराया।
इस चुनाव में यूपी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं, जिससे उनकी पार्टी को अब तक की सबसे बड़ी जीत मिली है। वो 2019 में SP को पांच से 37 सीटों पर ले आए। राज्य में इंडिया ब्लॉक या एसपी-कांग्रेस गठबंधन का वोट शेयर पिछले चुनाव से लगभग दोगुना हो गया है। सपा को 33% वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 9% वोट मिले। 2019 में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा और 24% वोट (कांग्रेस को 6% और एसपी को 18%) मिले।