UP Lok Sabha Chunav 2024: क्या बाराबंकी में राजरानी रावत खिला पाएंगी कमल? पीएल पुनिया के बेटे से है कांटे की टक्कर

UP Lok Sabha Chunav 2024: इस सीट पर भाजपा में भी खूब खेल हुए। वर्तमान सांसद उपेंद्र रावत को भाजपा नेतृत्व ने फिर से टिकट दे दिया था। उपेंद्र रावत टिकट मिलने का उत्सव मना ही रहे थे। लेकिन इसी बीच उनका एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ की उपेंद्र रावत को मैदान छोड़ना पड़ा। किसी विदेशी महिला के साथ आपत्तिजनक अवस्था में वह देखे गए

अपडेटेड May 19, 2024 पर 3:46 PM
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UP Lok Sabha Chunav 2024: पीएल पूनिया ने स्वयं लोकसभा चुनाव न लड़कर बेटे पर ही दांव लगाया है

UP Lok Sabha Chunav 2024: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व आईएएस अधिकारी पीएल पुनिया अपने बेटे तनुज पुनिया को राजनीति में स्थापित कर देना चाहते हैं। वैसे वह यह प्रयास पहले भी कई बार कर चुके हैं। तनुज पुनिया विधानसभा चुनाव भी कई बार लड़े और हारे भी...। इस बार पीएल पूनिया ने स्वयं लोकसभा चुनाव न लड़कर तनुज पर ही दांव लगाया है। क्या पीएल पूनिया की मनसा पूरी हो जाएगी या भाजपा उनके राह में रोड़ा बन जाएगी। इस बार का चुनाव कठिन है यह बात पीएल पूनिया भी जानते हैं और यहां के मतदाता भी...। वर्ष 2009 में पीएल पूनिया बाराबंकी से लोकसभा चुनाव लड़े थे और जीते थे। इसके बाद से उनका कांग्रेस में दबदबा हो गया।

कभी पीएल पूनिया उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक अफसर थे। पुनिया पहले मायावती के बहुत करीबी थे। मायावती उनके घर जाकर उनके राखी बांधती थी। लेकिन मायावती और मुलायम के बीच तमाम गहरे मतभेदों के बावजूद पुनिया दोनों के प्रिय बने रहे। वह मुलायम सिंह के भी बहुत नजदीकी रहे। वह उनके भी प्रमुख सचिव रहे और मायावती के भी...। लेकिन जब राजनीति में आए और पार्टी चुनने का अवसर आया तो उन्होंने कांग्रेस को चुना।

बीजेपी के साथ हो गया खेला


इस सीट पर भाजपा में भी खूब खेल हुए। वर्तमान सांसद उपेंद्र रावत को भाजपा नेतृत्व ने फिर से टिकट दे दिया था। उपेंद्र रावत टिकट मिलने का उत्सव मना ही रहे थे। लेकिन इसी बीच उनका एक ऐसा वीडियो वायरल हुआ की उपेंद्र रावत को मैदान छोड़ना पड़ा। किसी विदेशी महिला के साथ आपत्तिजनक अवस्था में वह देखे गए। चर्चा यह भी चली कि यह वीडियो टिकट मिलने के बाद ही वायरल क्यों हुआ? यह आरोप भारतीय जनता पार्टी के ही कुछ नेताओं पर लगे की उपेंद्र रावत का टिकट कटवाने के लिए उन्ही की साजिश से वीडियो वायरल हुआ।

राजरानी रावत को मिला टिकट

2014 में जीती प्रियंका रावत जिनका टिकट 2019 में काट दिया गया था एक बार फिर उत्साहित हुई कि अब उन्हें टिकट मिल जाएगा। लेकिन भाजपा नेतृत्व ने राजरानी रावत को टिकट दे दिया जो बाराबंकी की एक सीट से विधायक रही। इस तरह प्रियंका रावत की आशाओं में फिर पानी फिर गया और वह घर बैठी हुई है। बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट पर शिवकुमार दोहरे को टिकट दिया है। शिवकुमार इटावा के रहने वाले हैं और लखनऊ के मंडल प्रभारी थे।

बाराबंकी में कभी सक्रिय नहीं रहे लेकिन चुनाव वह बाराबंकी से लड़ रहे हैं। वैसे शिवकुमार बहुत बहुत सक्रिय नहीं है। बसपा के ही एक समर्थक सियाराम कहते हैं कि शिवकुमार दोहरे चुनाव लड़ने आ गए। यह किसी को नहीं पता और ताज्जुब की बात यह है कि वह बहुत सक्रिय भी नहीं है लेकिन चुनाव लड़ रहे हैं। बस जनसंपर्क कर लेते हैं। बाकी उनका ज्यादा जनाधार भी नहीं है। जो कुछ जनाधार है पार्टी का है और उन्हें इस पर ही भरोसा है। लेकिन बसपा प्रत्याशी की राह में तनुज पुनिया भी रोडा है। तनुज पूनिया और बसपा प्रत्याशी शिवकुमार दोहरे दोनों जाटव समाज से हैं और दोनों के बीच वोटो का बंटवारा दिख रहा है।

सियासी समीकरण

लोधेश्वर महादेव मंदिर यही पर है। यह मंदिर महादेवा के नाम से प्रसिद्ध है। कहते हैं यह मंदिर महाभारत कालीन है और यहां पर लाखों श्रद्धालु आते हैं। देवा शरीफ में वारिस अली शाह की दरगाह है और हर साल यंहा भव्य आयोजन किया जाता है। बाराबंकी में पारिजात वृक्ष है। पारिजात वृक्ष को देव वृक्ष के नाम से जाना जाता है। यह मान्यता है कि यह भी महाभारत कालीन है। अपने में तमाम ऐतिहासिकता समेटे इस सीट पर फिलहाल तीखी और रोचक चुनावी जंग हो रही है। यहां पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच शह मात का खेल जारी है। पीएल पूनिया की कोशिश है कि किसी तरह वह अपने बेटे को राजनीति में स्थापित कर दें क्योंकि वह अब काफी वृद्ध हो चुके हैं।

यह चुनाव उनके लिए निर्णायक है। यदि तनुज पुनिया इस चुनाव में नहीं जीते तो उनके लिए आगे का मार्ग बहुत कठिन हो जाएगा। तनुज पुनिया के साथ मुस्लिम यादव और कुछ दलित मतदाता हैं लेकिन यह संख्या उनको जीत के नजदीक तक नहीं पहुंचा सकती। इसलिए उनकी कोशिश है कि किसी तरह पिछड़े और अति पिछड़े वोट भी उनको मिले। बाराबंकी के रामनगर के देवेश कहते हैं कि कुर्मी वोट भाजपा के नजदीक ज्यादा है और यह तनुज पनिया के लिए काफी कठिनाई पैदा कर रहा है। यही नहीं कुर्मी मतदाता भाजपा के साथ है।

इसके साथ अति पिछड़े मतदाता पर भाजपा की पकड़ कहीं ज्यादा है। रामनगर के ही अनुज अवस्थी कहते हैं कि सवर्ण मतदाताओं में ज्यादातर वोट भारतीय जनता पार्टी को जा रहा है और इसका कारण वह राम मंदिर मुद्दा बताते हैं। बहुजन समाज पार्टी यहां पर कुछ ज्यादा ही परेशानी में है। वास्तव में उसके कैडर वोट में भी कटौती हो रही है। जाटव मतदाताओं का एक हिस्सा तनुज पनिया के पक्ष में जा रहा है। बाराबंकी के रामचरण कहते हैं कि ज्यादातर जाटव मतदाता तनुज पुनिया के साथ है।

जाटव वोटर्स पर सभी की नजर

वैसे तो जाटव मतदाताओ का एक हिस्सा बहुजन समाज पार्टी को भी मिल रहा है लेकिन कांग्रेस और बसपा के जाटव प्रत्याशी होने के कारण इसका पूरा फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिल रहा है। इस लोकसभा सीट पर पासी मतदाता बहुत है और वह ज्यादातर भाजपा के साथ जा रहा है। राजरानी रावत को इसका भरपूर फायदा मिल रहा है। फिलहाल भाजपा के लिए यह लड़ाई कठिन जरूर है लेकिन इसके बावजूद पार्टी इस बात से निश्चित है की उसका प्रत्याशी चुनाव जीत जाएगा। कुर्सी रोड के मतदाता सुनील रावत कहते हैं कि रावत भाजपा के साथ हैं इसलिए राजरानी रावत के जीतने पर कोई शंका नहीं है।

राजरानी रावत की सबसे बड़ी विशेषता भी यही है कि वह सबसे मिलती है और गांव से जुड़ी हुई है। सुनील बताते हैं कि बहुत दिन नहीं हुए जब राजरानी अपने पति के साथ मोटरसाइकिल में ही आती जाती रहती थी। इसलिए लोग उनसे जुड़ाव महसूस करते हैं। लेकिन उनके साथ खड़े कुछ मतदाता इस बात को लेकर बहस करते हैं कि भाजपा में गुटबाजी चल रही है। गुटबाजी के चलते ही उपेंद्र रावत का टिकट कटा और उनका वीडियो वायरल हो गया। इससे भाजपा कमजोर हुई है। फिलहाल यहां पर भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच कांटे की संघर्ष है लेकिन बसपा कुछ ज्यादा अच्छा नहीं कर पा रही है।

Brijesh Shukla

Brijesh Shukla

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