UP Lok Sabha Elections Phase 3 Voting: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए मंगलवार (7 मई) को 10 सीटों के लिए मतदान की तैयारी पूरी हो चुकी हैं। तीसरे चरण के तहत मंगलवार को उत्तर प्रदेश की संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली सीट पर मतदान होगा। इस चरण में 100 उम्मीदवारों के भाग्य के फैसले का अधिकार 1.88 करोड़ मतदाताओं के पास होगा। इनमें 1 करोड़ से अधिक पुरुष मतदाता और 87 लाख से अधिक महिला मतदाता शामिल हैं।
इस चरण में यूपी की राजनीति के केंद्र में रहने वाले यादव परिवार के 3 सदस्यों डिंपल यादव (मैनपुरी), आदित्य यादव (बदायूं) और अक्षय यादव (फिरोजाबाद) की किस्मत का भी फैसला होना है।
हम आपको यहां इन 10 VVIP लोकसभा सीटों के बारे में डिटेल्स जानकारी दे रहे हैं:-
संभल: इस लोकसभा सीट पर कड़ा मुकाबला है। यहां सपा और बीजेपी में कॉम्पिटिशन काफी जबरदस्त है। समाजवादी पार्टी ने यहां से जियाउर्रहमान बुर्क को उम्मीदवार बनाया है, जबकि बीजेपी से परमेश्वर लाल सैनी चुनावी मैदान में है। साथ ही, पूर्व विधायक सौलत अली की मौजूदगी से मुकाबले कड़ा हो गया है। संभल में बहुजन समाज पार्टी की मौजूदगी के कारण समाजवादी पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक को चुनौती मिल रही है। सैनी, तुर्क और शेखजादा समुदायों के बीच दिलचस्प मुकाबला है।
बरेली: यह रोहिलखंड क्षेत्र की अहम संसदीय सीट है। यहां पर बीजेपी के छत्रपाल गंगवार और समाजवादी पार्टी के प्रवीण सिंह ऐरन के बीच सीधा मुकाबला है। बरेली में BSP उम्मीदवार की गैर-मौजूदगी की वजह से गोलबंदी प्रमुख रणनीति है। दोनों पार्टियां क्रमशः हिंदू और मुसलमान वोटों के लिए ऐसा करने में जुटी हैं।
बदांयू: यहां से बीजेपी के दुर्विजय सिंह, समाजवादी पार्टी के आदित्य यादव और BSP के मुस्लिम खान मुकाबले में हैं। बीएसपी ने दोनों प्रमुख उम्मीदवारों का समीकरण बिगाड़ दिया है, जिससे यहां का चुनावी भिड़ंत जटिल हो गया है। यह सीट इसलिए भी ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव अपने बेटे आदित्य को पहली बार यहां से चुनाव लड़ा रहे हैं।
एटा: इस सीट से बीजेपी के राजवीर सिंह हैट्रिक लगाने की हरमुमकिन कोशिश में जुटे हुए हैं। उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के देवेश शाक्य और BSP के इरफान से है। इस सीट पर बीजेपी नेता कल्याण सिंह की विरासत का असर दिख सकता है, क्योंकि लोध और यादवों के बीच यहां सीधा लड़ाई देखने को मिल सकती है।
आंवला: इस सीट पर भी मुकाबला कड़ा रहने की संभावना है। बीजेपी के धर्मेंद्र कश्यप के खिलाफ समाजवादी पार्टी के नीरज मौर्य चुनाव लड़ रहे हैं। बीएसपी के आबिद अली भी यहां से चुनावी मैदान में है। मुसलमान उम्मीदवार की मौजूदगी से समाजवादी पार्टी की जीत की संभावनाओं पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
फतेहपुर सीकरी: यहां से बीजेपी के राजकुमार चाहर, कांग्रेस के रामनाथ सिकरवार और निर्दलीय उम्मीदवार रामनिवास शर्मा चुनावी मुकाबले में हैं। हर उम्मीदवार अपनी अलग रणनीति के हिसाब से चुनाव लड़ रहे हैं। फतेहपुर सीकर सीट पर जाति की भूमिका बेहद अहम हो सकती है।
हाथरस: यह अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित लोकसभा सीट है। यहां मुकाबला बीजेपी के अनूप प्रधान वाल्मीकि, समाजवादी पार्टी के जसवीर वाल्मीकि और बीएसपी के हेमबाबू धांगर के बीच है। बीजेपी ने इस बार यहां से अपना उम्मीदवार बदल दिया है, जो यहां के निर्वतमान सांसद हैं।
फिरोजाबाद: फिरोजबाद में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। यहां से बीजेपी के ठाकुर विश्वदीप सिंह चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि समाजवाजी पार्टी के अक्षय यादव और BSP के चौधरी बशीर उम्मीदवार हैं। तीनों उम्मीदवार वोटरों को लुभाने के लिए अलग-अलग रणनीति के तहत काम कर रहे हैं। अक्षय सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव के बेटे हैं। उन्होंने पिछली बार बीजेपी के चंद्रसेन जादौन को हराकर यहां से चुनाव जीता था।
मैनपुरी: मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव की विरासत है। यहां से उनकी बहू और सपा प्रमुख अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ रही हैं। इसके अलावा, बीजेपी के जयवीर सिंह और बीएसपी के शिवप्रसाद यादव भी चुनावी मैदान में हैं। साल 2022 में मुलायम सिंह यादव की मौत के बाद हुए उपचुनाव में डिंपल यादव ने यहां से चुनाव जीता था।
आगरा: यहां से केंद्रीय मंत्री एस. पी. सिंह बघेल की किस्मत दांव पर लगी है। बीजेपी, समाजवादी पार्टी और BSP ने यहां से नए चेहरे उतारे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में बघेल के समर्थन में आगरा में एक भव्य रोड शो किया।