सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर बीजेपी उम्मीदवार अरुण गोविल की एक पोस्ट से मेरठ का राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। गोविल ने 28 अप्रैल की सुबह को हिंदी में एक ऐसा मैसेज पोस्ट किया है, जिससे बीजेपी की चुनावी संभावनाएं को लेकर राजनीतिक हलकों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। हालांकि, गोविल ने बाद में इस पोस्ट को डिलीट कर दिया था।
गोविल ने इस पोस्ट में लिखा था, 'जब किसी का दोहरा चरित्र सामने आता है, तो उससे अधिक स्वयं पर क्रोध आता है कि हमने कैसे आंख बंद करके ऐसे आदमी पर भरोसा किया।' चूंकि इस पोस्ट में स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा गया था और गोविल ने पोस्ट करने के कुछ समय बाद ही इसे हटा दिया था। इससे पोस्ट के टारगेट और इसके राजनीतिक मायने के बारे में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।
इतनी ही नहीं, मेरठ में 26 अप्रैल को चुनाव संपन्न होन के तुरंत बाद उनका अचानक से मुंबई निकल जाना भी लोगों को हैरान कर रहा है। चुनाव खत्म होते ही गोविल जरूरी काम का हवाला देकर मुंबई पहुंच गए। मेरठ से अचानक निकल जाने की वजह से मेरठ जैसी अहम क्षेत्र में बीजेपी की रणनीति को लेकर सवाल उठने लगे हैं। गोविल ने टेलीविजन सीरियल 'रामायण' में भगवान राम का किरदरा निभाया था और मेरठ में एक आश्चर्यजनक फैसले के तहत मौजूदा सांसद राजेंद्र अग्रवाल को बदलकर अरुण गोविल को उम्मीदवार बताया गया था। हालांकि, उनकी उम्मीदवारी बीजेपी के लिए जोखिम भरा दांव है, क्योंकि मेरठ का राजनीतिक मुकाबला काफी मुश्किल भरा नजर आ रहा था।
समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन दलित-मुस्लिम वोट हासिल करने के लिए दलित उम्मीदवार सुनीता वर्मा पर दांव लगा रहा है, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सवर्ण वोटों को लुभाने के लिए देवव्रत त्यागी को अपना उम्मीदवार बनाया है। गोविल के पोस्ट से मेरठ में बीजेपी के चुनाव प्रचार में अंदरूनी कलह के संकेत मिलते हैं। हालांकि, ट्वीट में किसी खास व्यक्ति को निशाना नहीं बनाया गया है, लिहाजा राजनीतिक विश्लेषकों और टीकाकारों इस पोस्ट के मायने को लेकर अटकलबाजी कर रहे हैं।
इस बारे में पूछे जाने पर बीजेपी के उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक ने कहा कि उन्होंने अरुण गोविल की पोस्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि फर्जी पोस्ट को लेकर भी सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'आप कैसे कह सकते हैं कि यह पोस्ट सही है या नहीं।'