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Uttarakhand Green Tax: उत्तराखंड में अब घूमना हुआ महंगा! बाहरी प्रदेशों से आने वाली गाड़ियों पर लगेगा 'ग्रीन टैक्स'

Uttarakhand Green Tax: अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखंड में बाहरी प्रदेशों से आने वाले वाहनों से दिसंबर से ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा। इनमें छोटी गाड़ियों से 80 रुपये, छोटी मालवाहक गाड़ियों से 250 रुपये, बसों से 140 रुपये औक ट्रकों से उनके भार के अनुसार 120 से 700 रुपये 'ग्रीन टैक्स' वसूला जाएगा

अपडेटेड Oct 26, 2025 पर 2:29 PM
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Uttarakhand Green Tax: अधिकारी ने बताया कि ग्रीन टैक्स की वसूली दिसंबर माह से शुरू की जाएगी

Uttarakhand Green Tax: उत्तराखंड में अब सफर करना अब महंगा होने वाला है। सीएम पुष्कर सिंह धामी की सरकार अब बाहरी राज्यों से आने वाली गाड़ियों पर ग्रीन टैक्स लगाने जा रही है। जी हां, अधिकारियों ने बताया कि उत्तराखंड में बाहरी प्रदेशों से आने वाले वाहनों से दिसंबर से ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा। इनमें छोटी गाड़ियों से 80 रुपये, छोटी मालवाहक गाड़ियों से 250 रुपये, बसों से 140 रुपये औक ट्रकों से उनके भार के अनुसार 120 से 700 रुपये 'ग्रीन टैक्स' वसूला जाएगा।

अधिकारियों ने रविवार (26 अक्टूबर) को बताया कि राज्य में प्रदूषण नियंत्रण, पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि इस शुल्क की वसूली दिसंबर माह से शुरू की जाएगी।

प्रदेश के अपर परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि राज्य के सीमा क्षेत्रों में लगाए गए ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे बाहरी राज्यों से प्रदेश में आने वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर को अपने आप ही पहचान लेंगे। उन्होंने बताया कि सीमा क्षेत्रों में पहले से 16 कैमरे लगे हुए हैं। अब इनकी संख्या बढ़ाकर कुल 37 कर दी गई है।

सिंह ने बताया कि परिवहन विभाग ने ‘ग्रीन टैक्स’ वसूली के लिए एक वेंडर कंपनी को नियुक्त किया है। उन्होंने बताया कि कैमरों से प्राप्त डेटा सॉफ्टवेयर के माध्यम से वेंडर के पास जाएगा। यहां से उत्तराखंड की रजिस्टर्ड गाड़ियों, दोपहिया वाहनों और सरकारी वाहनों को अलग कर बाकी वाहनों की जानकारी भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के डेटाबेस में भेजी जाएगी।

अधिकारी ने बताया कि वहां से वाहन मालिकों के ‘वॉलेट नंबर’ खोजे जाएंगे। संबंधित राशि ऑटोमेटिक रूप से उनके वॉलेट से कटकर परिवहन विभाग के खाते में जमा हो जाएगी। सिंह ने बताया कि विभिन्न कैटेगरी के वाहनों के लिए अलग-अलग टैक्स दरें तय की गई हैं।

एसके सिंह ने एनडीटीवी से बताया कि इस ग्रीन टैक्स से हर साल लगभग 100 करोड़ से 150 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलने का अनुमान है। उत्तराखंड परिवहन विभाग ने इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और आधुनिक बनाने के लिए एक प्राइवेट कंपनी से करार कर लिया है।


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संबंधित कंपनी ने उत्तराखंड की सीमाओं पर 16 जगहों को चिन्हित किया है। इन जगहों पर ही ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों की मदद से दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों की पहचान की जाएगी और फिर उनसे ये टैक्स वसूला जाएगा।

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