फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPI) अगस्त 6,459 करोड़ रुपये के इनवेस्टमेंट के साथ नेट बायर्स रहे। इसमें से अधिकतर इनवेस्टमेंट उन्होंने डेट सेगमेंट में किया। इक्विटी में FPI का इनवेस्टमेंट केवल 2,082.94 करोड़ रुपये का रहा। इस कैलेंडर ईयर में अभी तक डेट सेगमेंट में उनका यह सबसे अधिक इनवेस्टमेंट है।
डेट में FPI के अधिक इनवेस्टमेंट का बड़ा कारण भारत और अमेरिका में बॉन्ड यील्ड के बीच स्प्रेड बढ़ना है। अमेरिका 10 वर्ष बॉन्ड की यील्ड 1.30 प्रतिशत से कम है और भारतीय 10 वर्ष बॉन्ड की यील्ड बढ़कर 6.2 प्रतिशत से अधिक हो गई है।
इसके साथ ही रुपये में मजबूती आने से हेजिंग की कॉस्ट कम हुई है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि मार्केट में तेजी और इसका फायदा उठाने की कोशिश के कारण FPI ने अगस्त में इक्विटी की ओर लौटे हैं। वैश्विक स्थिति भी पक्ष में है क्योंकि फेडरल रिजर्व की ओर से रेट्स में बढ़ोतरी करने का संकेत नहीं मिला है।
सितंबर के शुरुआती तीन ट्रेडिंग सेशन में FPI ने देश के इक्विटी और डेट मार्केट्स में 7,768.32 करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट किया है।
एक्सपर्ट्स ने बताया कि देश में वैक्सीनेशन बढ़ने, जुलाई में GST कलेक्शन अच्छा रहने और अगस्त में मर्चेंडाइज ट्रेड बढ़ने से मार्केट सेंटीमेंट मजबूत हुआ है। इंटरनेशनल इनवेस्टर्स अपने रिस्क को कम करने के लिए इमर्जिंग मार्केट्स में इनवेस्टमेंट बढ़ा रहे हैं। इन मार्केट्स में भारत का प्रमुख स्थान है।