शेयर बाजार में भाग लेने वाले 67% लोग बेंचमार्क निफ्टी इंडेक्स के बराबर भी रिटर्न नहीं हासिल कर पाते हैं। निल्सन के एक सर्वे से ये जानकारी सामने आई है। सैमको सिक्योरिटीज ने गुरुवार को बताया (Samco Securities) कि इस खराब प्रदर्शन के पीछे बेहतर ट्रेडिंग सिस्टम की कमी, लालच और भय के साथ भावनाओं के आधार पर कारोबार, फाइनेंशियल इंफ्यूलएर्स व दूसरों से मिली टिप्स आदि जैसे कई कारण है। सैमको सिक्योरिटीज ने ही इस सर्वे को कराया था। यह सर्वे 24 से 45 उम्र के करीब 2,000 निवेशकों और ट्रेडर्स के बीच कराया गया है।
सर्वे में यह भी सामने आया है कि 65% निवेशकों को यह भी नहीं पता है कि उनको स्टॉक मार्केट से असल में कितना रिटर्न मिला है। सर्वे के मुताबिक 63 फीसदी निवेशकों की रिटर्न को लेकर कोई लक्ष्य नहीं है या उनकी इंडेक्स को मात देने की कोई योजना नहीं है।
सैमको के फाउंडर और सीईओ जिमीत मोदी ने बताया, "जिन सीमित संख्या वाले निवेशकों को यह पता है कि उनका लक्ष्य बेंचमार्क से बेहतर रिटर्न हासिल करना है, उनमें से 50 प्रतिशत से अधिक यह नहीं जानते कि ऐसा कैसे करना है।" जिमीत ने फर्म के कैपिटल रिसोर्स प्लानिंग प्लेटफॉर्म के लॉन्च के मौके पर यह बात कही।
सर्वे में ये भी सामने आता है कि 27 फीसदी निवेशक, इंडेक्स के बराबर रिटर्न बनाना चाहते हैं। वहीं 37 फीसदी लोग फिक्स्ड डिपॉजिट से अधिक रिटर्न पाना चाहता है। जबकि सिर्फ 36 फीसदी का लक्ष्य इंडेक्स से अधिक रिटर्न हासिल करने का है।
मोदी ने मनीकंट्रोल को बताया, "यह चौंकाने वाला है कि निवेशक फिक्स्ड डिपॉजिट के बराबार रिटर्न पाने को लेकर सहज है। यदि आप जोखिम उठा रहे हैं तो आपको अच्छा इनाम मिलना चाहिए। हमारा मानना है कि निवेशकों को इंडेक्स को कम से कम 5 प्रतिशत से मात देने की कोशिश करनी चाहिए।"
इससे पहले SEBI की ओर से कराए गए एक सर्वे में सामने आया था कि फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) सेगमेंट में कारोबार करने वाले 89 फीसदी इंडिविजुअल ट्रेडर्स घाटे में रहते हैं। वहीं वित्त वर्ष 2022 में उनका औसत घाटा 1.1 लाख रुपये का था।