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Share Market Crash: शेयर बाजार में हाहाकार, सेंसेक्स 1200 अंक टूटा, इन 7 कारणों से आई बड़ी गिरावट

Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में मंगलवार 11 फरवरी को तेज गिरावट आई। सेंसेक्स और निफ्टी कारोबार के दौरान 1.3 प्रतिशत तक लुढ़क गए। यह लगातार 5वां दिन है, जब दोनों इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय 1000 से भी अधिक गिर गया था। छोटे और मझोले शेयरों में तो तबाही का आलम रहा। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार की इस गिरावट के पीछे 8 प्रमुख कारण हैं-

अपडेटेड Feb 11, 2025 पर 3:02 PM
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Stock Market Crash: मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों के ऊंचे वैल्यूएशन को लेकर बाजार में चिंता बनी हुई है

Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में मंगलवार 11 फरवरी को तेज गिरावट आई। सेंसेक्स और निफ्टी कारोबार के दौरान 1.5 प्रतिशत तक लुढ़क गए। यह लगातार 5वां दिन है, जब दोनों इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। छोटे और मझोले शेयरों में तो तबाही का आलम रहा। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स 3.5 प्रतिशत तक गिर गए। यहां तक कि सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।

दोपहर के कारोबार में, सेंसेक्स करीब 1,200 अंक या 1.5 प्रतिशत गिरकर 76,100 पर आ गया। वहीं निफ्टी करीब 350 अंक या 1.5 प्रतिशत टूटकर 23,000 के भी नीचे चला गया।

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार की इस गिरावट के पीछे 7 प्रमुख कारण हैं-


1. डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी को लेकर अनिश्चितता

शेयर बाजार में हालिया गिरावट के पीछे मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी को लेकर अनिश्चिचतता है। ट्रंप ने स्टील और एल्युमिनियम के इंपोर्ट पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला किया है, जिसने ग्लोबल लेवल पर एक नए ट्रेड वार की आशंकाओं को फिर से जगा दिया है। ट्रंप ने एल्यूमिनियम पर टैरिफ 10% से बढ़ाकर 25% कर दिया है। वहीं स्टील पर 25% टैरिफ को फिर से लागू कर दिया, जो पहले बिना किसी शुल्क के अमेरिका में प्रवेश कर सकता था। साथ ही उन्होंने कनाडा, मैक्सिको और ब्राजील जैसे देशों को दी गई छूट भी रद्द कर दी। निवेशकों को आशंका है कि इस फैसले से अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर दबाव बढ़ेगा और ग्लोबल शेयर बाजारों में और अधिक अस्थिरता आ सकती है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट, डॉ वीके विजयकुमार ने कहा कि ट्रंप की इस नीति से स्टील और एल्युमिनियम की कीमतें लंबी अवधि तक कमजोर रह सकती हैं। इससे भारत के मेटल शेयरों में तेज गिरावट आ सकती है।

2. भारतीय रुपये में कमजोरी

भारतीय रुपया सोमवार को एक डॉलर के मुकाबले 88 रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया, इससे निवेशकों के मनोबल को और कमजोर हुआ है। सोविलो इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स एलएलपी के फंड मैनेजर और को-फाउंडर संदीप अग्रवाल ने बताया कि शेयर बाजार में हालिया गिरावट के पीछे भारतीय रुपये में कमजोर एक बड़ी वजह है। भारतीय रुपया जब कमजोर होता है, तो विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) की असली कमाई कम हो जाती है। इसके चलते वे भारतीय बाजार से तेजी से पैसा निकालने लगते हैं।"

3. विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली

विदेशी निवेशकों ने अकेले फरवरी महाने में अब तक भारतीय शेयर बाजार से करीब 12,643 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं। इसके चलते बाजार में लगातार दबाव बना हुआ है। इससे पहले उन्होंने जनवरी में भी 87,374 करोड़ रुपये की भारी बिकवाली की थी। संदीप अग्रवाल ने कहा कि जब तक भारतीय रुपये में स्थिरता नहीं आती है, तब तक यह बिकवाली जारी रह सकती है।

4. कमजोर तिमाही नतीजे

भारतीय कंपनियों की दिसंबर तिमाही के कमजोर नतीजों ने भी निवेशकों को काफी निराश किया है। आयशर मोटर्स के शेयरों में आज 7 प्रतिशत तक की गिरावट आई, क्योंकि कंपनी का मुनाफा और मार्जिन Q3 में उम्मीद से कम रहा। इसी तरह एस्कॉर्ट्स कुबोटा के शेयर भी 5.3% तक टूट गए, क्योंकि कंपनी ने आगे की तिमाहियों के लिए सतर्क नजरिया पेश किया।

5. ग्लोबल बाजारों में दबाव

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के फैसले से आज ग्लोबल शेयर बाजारों में भी गिरावट देखने को मिली। हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स में 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई। एसएंडपी 500 फ्यूचर्स भी 0.2 प्रतिशत की गिरावट आई। यूरो स्टॉक्स-50 फ्यूचर्स में भी गिरावट आई। इस बीच अमेरिकी डॉलर में मजबूती आई है और सोने का दाम भी बढ़ा है। इस अनिश्चित माहौल में निवेशकों का झुकाव गोल्ड जैसे निवेश के सुरक्षित ठिकानों की ओर बढ़ा है।

6. मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों का ऊंचा वैल्यूएशन

मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों के ऊंचे वैल्यूएशन को लेकर बाजार में चिंता बनी हुई है। ICICI प्रूडेंशियल AMC के चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर, एस नरेन ने तो निवेशकों को स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों से पूरी तरह बाहर निकलने की सलाह दे दी है। उन्होंने कहा कि इन शेयरों का वैल्यूएशन काफी ऊंचा है, जिसे किसी भी तरीके से सही नहीं ठहराया जा सकता है।

7. ऑटो, रियल्टी और फार्मा सेक्टर में गिरावट

ऑटो, रियल्टी और फार्मा शेयरों में चौतरफा गिरावट ने भी शेयर बाजार आज दबाव बनाया। खासतौर से कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों और फ्यूचर्स ग्रोथ को लेकर बढ़ती आशंकाओं ने इन गिरावट को और तेज किया था। रियल एस्टेट सेक्टर में भी निवेशकों की रुचि कम हो रही है।

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