Adani-Hindenburg row: अडानी ग्रुप संकट के चलते बैंक और फाइनेंस सेक्टर की कंपनियों पर उठ रहे सवालों के बीच उदय कोटक (Uday Kotak) ने कहा कि वह भारत के फाइनेंशियल सिस्टम के लिए कोई व्यवस्थित जोखिम नहीं देखते हैं। कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) के चेयरमैन ने अडानी ग्रुप से जुड़ी उथलपुथल की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्हें हाल के घटनाक्रमों से भारत के फाइनेंशियल सिस्टम के प्रति कोई जोखिम नहीं दिखता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि बड़े भारतीय कॉर्पोरेट्स की कर्ज और इक्विटी फाइनेंस के लिए वैश्विक स्रोतों पर ज्यादा निर्भरता है।
इन दो बातों पर ध्यान देने का समय
कोटक ने कहा कि इससे चुनौतियां पैदा होती हैं। भारत को जोखिम के आकलन और क्षमता विकास में मजबूती लाने का समय आ गया है।
24 जनवरी को हिंडेनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) की एक रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप का संकट सामने आ गया। अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी ने अपनी एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर स्टॉक में हेराफेरी और भारी कर्ज लेने का आरोप लगाया था। हालांकि, कंपनी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।
रिपोर्ट जारी होने के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों की मार्केट वैल्यू लगभग आधी कम हो चुकी है। इस गिरावट के साथ व्यापक रूप से फाइनेंशियल सिस्टम के लिए चिंताएं पैदा हो गई हैं। हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी की सात लिस्टेड कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू लगभग आधी यानी कुल 100 अरब डॉलर कम हो चुकी है।
अडानी एंटरप्राइजेस के शेयर में रिकॉर्ड गिरावट
अडानी एंटरप्राइजेस के शेयर 3 फरवरी को शुरुआती कारोबार में 35 फीसदी से ज्यादा टूटकर 1,017.10 रुपये के स्तर पर आ गए थे। एक दिन पहले ही एनएसई ने शेयर को एडीशनल सर्विलांस मीजर (ASM) फ्रेमवर्क में डाल दिया था। इससे शेयर पर दबाव और बढ़ गया है। शेयरों में भारी दबाव के चलते अडानी ग्रुप का मार्केट 10 लाख करोड़ रुपये से नीचे आ गया, जो 24 जनवरी के बाद लगभग 50 फीसदी कम हो चुकी है। वहीं, अपने रिकॉर्ड हाई से मार्केट वैल्यू 16 लाख करोड़ रुपये कम हो चुकी है।