Adani Enterprises QIP: अदाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज के क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) के लिए सबसे बड़ी बोली क्वांट म्यूचुअल फंड ने लगाई। 4200 करोड़ रुपये के इस इश्यू में करीब 47 फीसदी हिस्सेदारी क्वांट म्यूचुअल फंड ने ले ली है। स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग से इसका खुलासा हुआ है। क्यूआईपी इश्यू में 5 फीसदी से अधिक जिन्हें शेयर अलॉट हुए हैं, उनके आंकड़े जो जारी हुए हैं, उसके मुताबिक क्वांट म्यूचुअल फंड की फ्लैगशिप स्कीम क्वांट स्मॉल कैप फंड ने सबसे अधिक 17.41 फीसदी शेयर लिए हैं। क्वांट के अलावा इसमें विनरो कॉमर्शियल इंडिया ने 12.5 फीसदी, ट्री लाइन एशिया मास्टर फंड (सिंगापुर) ने 5.95 फीसदी और एसबीआई लाइफ ने 5.06 फीसदी हिस्सेदारी के लिए बोली लगाई।
Adani Enterprises में Quant Mutual Fund ने डाले ₹1973 करोड़
अदाणी एंटरप्राइजेज के क्यूआईपी इश्यू में सबसे अधिक बोली क्वांट म्यूचुअल फंड ने लगाई। इस इश्यू के 47 फीसदी हिस्से के लिए क्वांट म्यूचुअल फंड ने बोली लगाई जिसमें 17.41 फीसदी शेयर क्वांट स्मॉल कैप फंड ने लिए हैं। इसके अलावा क्वांट की और स्कीमों जैसे कि क्वांट ईएलएसएस टैक्स सेवर फंड, क्वांट एक्टिव फंड और क्वांट फ्लेक्सी कैप फंड ने भी 7-7 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी ली है। ये शेयर 2962 रुपये के भाव पर जारी हुए हैं। इस प्रकार क्वांट म्यूचुअल फंड ने अदाणी एंटरप्राइजेज में 1,973 करोड़ रुपये की एंट्री की है और इसकी अदाणी एंटरप्राइजेज में 0.58 फीसदी हिस्सेदारी हो गई।
Adani Enterprises QIP की डिटेल्स
क्यूआईपी के जरिए अदाणी एंटरप्राइजेज ने करीब 4200 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस इश्यू के तहत कंपनी ने 2962 करोड़ रुपये के भाव पर 1.42 करोड़ शेयर जारी किए हैं। जिस भाव पर शेयर जारी हुए हैं, वह 3,117.475 रुपये के फ्लोर प्राइस से 155.475 रुपये यानी 4.99 फीसदी डिस्काउंट पर है। इस इश्यू के बाद अब अदाणी एंटरप्राइजेज का पेड-अप इक्विटी शेयर कैपिटल 114 करोड़ रुपये से बढ़कर 115.42 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इन पैसों का इस्तेमाल कंपनी कैपिटल एक्सपेंडिचर के साथ अपना और सब्सिडियरीज का कर्ज चुकाने में करेगी।
यह इश्यू 9 अक्टूबर को खुला था और 15 अक्टूबर को बंद हुआ। यह कंपनी की बड़े पैमाने पर पूंजी जुटाने की स्ट्रैटेजी का हिस्सा है। मई में कंपनी के बोर्ड ने 16,600 करोड़ रुपए के फंड को जुटाने की मंजूरी दी थी। कंपनी अपने विस्तार योजनाओं और इंफ्रा डेवलपमेंट के लिए इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स से लगातार बातचीत कर रही है। इसे एयरपोर्ट्स, माइनिंग, डेटा सेंटर्स और ग्रीन हाइड्रोजन समेत कई सेक्टर्स में इंफ्रा डेवलपमेंट करना है।