Adani Green के शेयर 20% के अपर सर्किट पर, जानिए क्या है इस तेजी की वजह

Adani Shares: अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में आज जमकर खरीदारी हो रही है। इसके शेयर 19 फीसदी से अधिक उछल गए और मार्केट कैप एक बार फिर 2.10 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। इसके शेयरों में यह तेजी एक ऐलान के चलते है कि कंपनी ने सीनियर डेट फैसिलिची के जरिए 136 करोड़ डॉलर (11341 लाख करोड़ रुपये) की अतिरिक्त फंडिंग जुटा ली है

अपडेटेड Dec 05, 2023 पर 4:51 PM
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Adani Green ने इंटरनेशनल बैंकों से 136 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। यह फंडिंग मार्च 2021 से जुटाए जा रहे एक प्रोजेक्ट फाइनेंसिग का हिस्सा है जिसके तहत 300 करोड़ डॉलर जुटाने का लक्ष्य है।
     
     
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    Adani Shares: अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में आज जमकर खरीदारी हो रही है। इसके शेयर 19 फीसदी से अधिक उछल गए और मार्केट कैप एक बार फिर 2.10 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। इसके शेयरों में यह तेजी एक ऐलान के चलते है कि कंपनी ने सीनियर डेट फैसिलिची के जरिए 136 करोड़ डॉलर (11341 लाख करोड़ रुपये) की अतिरिक्त फंडिंग जुटा ली है। यह इसके प्रोजेक्ट के लिए सबसे बड़ी फाइनेंसिंग है। इस ऐलान ने अदाणी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) के शेयरों में चाबी भर दी। BSE पर यह 20 फीसदी उछलकर 1348 रुपये (Adani Green Share Price) के अपर सर्किट पर पहुंच गया और इसी पर बंद भी हुआ।

    Adani Green ने किस काम के लिए जुटाया है फंड

    अदाणी ग्रीन ने आज एक्सचेंज फाइलिंग में जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक उसने इंटरनेशनल बैंकों से 136 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। यह फंडिंग मार्च 2021 से जुटाए जा रहे एक प्रोजेक्ट फाइनेंसिग का हिस्सा है जिसके तहत 300 करोड़ डॉलर जुटाने का लक्ष्य है। कंपनी ने जो फंड जुटाया है, उसका इस्तेमाल गुजरात के खावड़ा में दुनिया का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क बनाने में होगा। कंपनी ने जो फंड जुटाया है, वह 8 बैंकों- BNP पारिबास, को-ऑपरेटिव रैबोबैंक UA, DBS बैंक, इंटेसा सानपाओलो S.p.A, MUFG बैंक, सोसायटी जनरल, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और सुमितोमो मितसुई बैंकिंग कॉरपोरेशन से मिला है।


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    एक और वजह से मिला शेयरों को सपोर्ट

    अदाणी ग्रीन के शेयरों को फंडिंग के अलावा एक और वजह से सपोर्ट मिला है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी एजेंसी का मानना है कि अदाणी ग्रुप के ऊपर जो आरोप लगे थे, वे प्रासंगिक नहीं थे। इसने ग्रुप के शेयरों को पंख लगा दिए। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सरकार ने अडाणी ग्रुप के खिलाफ अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के कॉरपोरेट धोखाधड़ी के आरोपों को अप्रासंगिक माना है। यह निर्णय श्रीलंका में ग्रुप के कंटेनर टर्मिनल प्रोजेक्ट के लिए 55.3 करोड़ डॉलर तक के विस्तार को मंजूरी देने से पहले लिया गया। इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प (DFC) ने जांच के दौरान हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों पर फोकस किया हुआ था। इसके चलते अदाणी ग्रुप के शेयर रॉकेट बन गए।

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