Adani Group News: अदाणी ग्रुप की योजना 400 करोड़ डॉलर जुटाने की है। इन पैसों का इस्तेमाल मैनुफैक्चरिंग प्लांट बनाने में होगा। इन प्लांट में कम लागत पर ग्रीन हाईड्रोजन बनाया जाएगा। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग को सूत्रों के हवाले से अदाणी ग्रुप की फंड जुटाने की इस योजना के बारे में पता चला है। अदाणी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) के पूर्ण मालिकाना हक वाली कंपनी अदाणी न्यू इंडस्ट्रीज (Adani New Industries) इसे घरेलू और इंटरनेशनल बैंकों से जुटाने की तैयारी में हैं और इसे लेकर कुछ बैंकों से शुरुआती बातचीत शुरू भी हो चुकी है।
पुरानी सहयोगी टोटलएनर्जीज के बिना फंड जुटाने की योजना
अदाणी न्यू इंडस्ट्रीज की जो ताजा फंड जुटाने की योजना है, वह TotalEnergies के बिना है। कंपनी को जो पैसे मिलेंगे, उससे पहला प्रोजेक्ट गुजरात में सालाना 10 लाख टन क्षमता वाली ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट का शुरू किया जाएगा और इससे 2027 तक प्रोडक्शन भी शुरू हो जाएगा। अदाणी ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक ग्रीन हाइड्रोजन के दम पर भारत भविष्य में एनर्जी के मामले में आत्मनिर्भर हो सकता है। वेबसाइट पर कहा गया है कि ऐसी स्थिति की कल्पना करना बहुत मुश्किल नहीं है, जब हाइड्रोजन टर्बाइन और फ्यूल सेल की लागत में कटौती के बाद ग्रीन हाइड्रोजन एक डॉलर प्रति किग्रा से भी कम भाव पर मिले। इससे न सिर्फ जैव ईंधन से ग्रीन फ्यूल पर शिफ्ट होने में मदद मिलेगी बल्कि एनर्जी इंपोर्ट पर एक बड़ा खर्च भी बच जाएगा।
Adani Group का 75% खर्च ग्रीन बिजनेस में
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा प्रदूषण से प्रभावित देश है और अब यह कॉर्बनमुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसे लेकर कुछ महीने जून में फ्रांस के टोटलएनर्जीज एसई (TotalEnergies SE) और अदाणी ग्रुप ने कहा था कि वे भारत में हरित हाइड्रोजन और इससे जु़ड़े प्रोडक्ट्स के उत्पादन के लिए 500 करोड़ डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहे हैं। गौतम अदाणी ने पहले कहा है कि ग्रुप की कैपिटल एक्सपेंडिचर की जो भी योजना है, उसका 75 फीसदी ग्रीन बिजनेस में होगा और ग्रुप के कंपनियों की योजना अगले दशक में रिन्यूएबल्स, ग्रीन कंपोनेंट मैनुफैक्चरिंग और इससे जुड़े इंफ्रा में 2000 करोड़ डॉलर के निवेश की है।