अदाणी ग्रुप (Adani Group) अगले 3 महीनों में अपनी ज्वाइंट वेंचर कंपनी 'अदाणी विल्मर (Adani Wilmer)' में अपनी हिस्सेदारी बेचने पर फैसला कर सकता है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने शुक्रवार 1 दिसंबर को ग्रुप के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO), जुगेशिंदर सिंह के हवाले से यह जानकारी दी। अदाणी विल्मर, अदाणी ग्रुप और सिंगापुर की विल्मर इंटरेनशनल की संयुक्त हिस्सेदारी वाली कंपनी है। जुगेशिंदर सिंह ने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, "हम फिलहाल यह आकलन कर रहे हैं कि विल्मर की हिस्सेदारी बरकरार रखी जाए या बेच दी जाए।"
इससे पहले ब्लूमबर्ग न्यूज ने अगस्त में रिपोर्ट दी थी कि उद्योगपित गौतम अदानी की अगुआई वाला ग्रुप अदाणी ग्रुप में अपने हिस्सेदारी को बेचने पर पिछले कुछ महीनों से विचार कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया था कि हिस्सेदारी बिक्री के बावजूद अदाणी और उनका परिवार व्यक्तिगत क्षमता के आधार पर कंपनी में कुछ अल्पमत हिस्सेदारी बनाए रख सकता है। बता दें कि अदाणी विल्मर में अदाणी ग्रुप की 44% हिस्सेदारी है और यह कंपनी फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) सेक्टर में कारोबार करती है।
अदानी विल्मर ने इससे पहले सितंबर तिमाही में 131 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया था। कंपनी ने लगातार दूसरी तिमाही घाटे में रहे थे। इससे पहले पिछले साल सितंबर तिमाही में कंपनी ने 48.76 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया था।
अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की इस साल 24 जनवरी को आई एक रिपोर्ट से अदाणी ग्रुप के कारोबार को तगड़ा झटका लगा था। इसके शेयरों में भी भारी गिरावट आई थी। हालांकि ग्रुप अब इन झटकों से उबर रहा है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी ग्रुप के कर्ज के स्तर पर चिंता जताई थी और इस पर टैक्स हैवन देशों के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया था। इसके बाद ग्रुप की मार्केट वैल्यू करीब 147 अरब डॉलर तक घट गई थी।
इसके बाद से अदाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में उछाल आया है लेकिन इसके वैल्यूएशन में अभी भी शिखर से लगभग 120 अरब डॉलर की गिरावट है। अदाणी विल्मर के शेयरों में इस साल 45% की गिरावट आई है। शुक्रवार 1 दिसंबर को इसके शेयर 0.1 फीसदी फिसलकर बंद हुए।