जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘‘इक्विटी और ऋण बाजार दोनों में नए सिरे से एफपीआई बिक्री के पीछे वजह अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल का बढ़ना है। अमेरिकी 10-वर्षीय बॉन्ड पर प्रतिफल लगभग 4.7 प्रतिशत है जो विदेशी निवेशकों के लिए बेहद आकर्षक है।’’ इस निकासी से पहले विदेशी निवेशकों ने मार्च में 13,602 करोड़ रुपये, फरवरी में 22,419 करोड़ रुपये और जनवरी में 19,836 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इस तेजी को जेपी मॉर्गन सूचकांक में भारत के सरकारी बॉन्ड को जगह देने की घोषणा से दम मिला।