Credit Cards

इंडियन इकोनॉमी में ऑल इज वेल, जोरदार रिटर्न के लिए मिड और स्मॉल कैप के क्वालिटी शेयरों पर रहे नजर: सचिन शाह

सचिन शाह ने कहा कि मल्टीबैगर रिटर्न के लिए निवेशकों को मिड और स्मॉलकैप सेक्टर के क्वालिटी शेयरों पर फोकस करना चाहिए

अपडेटेड May 25, 2022 पर 3:03 PM
Story continues below Advertisement
वित्त वर्ष 2022 के चौथी तिमाही के अब तक आए भारतीय कंपनियों के नतीजों और उनके मैनेजमेंट की कमेंट्री से इस बात के साफ संकेत हैं कि इंडियन इकोनॉमी में 'ऑल इज वेल' की स्थिति है

एमके इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (Emkay Investment Managers) के सचिन शाह ने मनीकंट्रोल से बाजार की वर्तमान स्थिति और आगे की दशा और दिशा पर लंबी बातचीत की। इस बातचीत में उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार की कमजोरी की अहम वजह ग्लोबल फैक्टर हैं। ग्लोबल मार्केट की कमजोरी का असर भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिल रहा है। अगर घरेलू इकोनॉमी पर नजर डालें तो अधिकांश डिमांड इंडिकेटर इकोनॉमी में मजबूती के संकेत दे रहे हैं।

उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि बाजार का वर्तमान वैल्यूएशन अच्छा नजर आ रहा है। बाजार तमाम बुरी खबरों को काफी हद तक पचा चुका है। हाल के भारी करेक्शन के बाद प्राइवेट बैंक, आईटी, ऑटो,ऑटो एंसिलरी, फार्मा और टेलिकॉम सेक्टर के तमाम सेक्टर लीडर स्टॉक काफी सस्ते और अच्छे वैल्यूएशन पर मिल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारे अपने विश्लेषण से यह संकेत मिलता है कि अलग-अलग सेक्टरों की लॉर्ज कैप कंपनियां अगले 2-3 साल में अच्छा रिटर्न देती नजर आ सकती हैं।

सचिन शाह के मुताबिक भारतीय बाजार में कमजोरी की वजह विदेशी फैक्टर हैं। घरेलू फैक्टर पर नजर डालें तो इकोनॉमी की स्थिति काफी बेहतर नजर आ रही है। हमारा एक्सपोर्ट काफी अच्छे स्तर पर है। यहां तक की डायरेक्ट और इनडायरेक्ट दोनों तरह के टैक्स कलेक्शन में काफी मजबूती के साथ बढ़ोतरी देखने को मिली है।


बाजार को विदेशी फैक्टर जैसे सप्लाई चेन से जुड़ी दिक्कतों, जियोपॉलिटिकल तनाव, चाइना के कुछ क्षेत्रों में लॉकडाउन, केंद्रीय बैंकों द्वारा महंगाई से निपटने के लिए ब्याज दरों में की जाने वाली बढ़ोतरी जैसी वजहों से परेशानी हो रही है। ऐसे में अगर ग्लोबल बाजार की इन मुश्किलों का कोई समाधान होता है तो घरेलू बाजार में एक बार फिर कॉन्फिडेंस मजबूत होता नजर आएगा।

वित्त वर्ष 2022 के चौथी तिमाही के अब तक आए भारतीय कंपनियों के नतीजों और उनके मैनेजमेंट की कमेंट्री से इस बात के साफ संकेत हैं कि इंडियन इकोनॉमी में 'ऑल इज वेल' की स्थिति है।

भारतीय इक्विटी बाजार में पिछले 7 साल में FPI के जरिए आए विदेशी पैसे का सिर्फ 8 महीने में हुआ सफाया!

बाजार में क्या होनी चाहिए रणनीति? इस सवाल का जवाब देते हुए सचिन शाह ने कहा कि मल्टीबैगर रिटर्न के लिए निवेशकों को मिड और स्मॉलकैप सेक्टर के क्वालिटी शेयरों पर फोकस करना चाहिए। इस समय तमाम छोटे -मझोले शेयर काफी अच्छे भाव पर मिल रहे हैं। निवेशकों को ट्रैवल एंड टूरिज्म, लॉजिस्टिक्स, रीजनल प्राइवेट सेक्टर बैंक , इंजीनियरिंग और कंज्यूमर सेक्टर के क्वालिटी शेयरों में 3-4 साल की अवधि में जोरदार रिटर्न मिल सकता है।

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें। 

(डिस्क्लेमर: नेटवर्क 18 मीडिया एंड इनवेस्टमेंट लिमिटेड पर इंडिपेंडेंट मीडिया ट्रस्ट का मालिकाना हक है। इसकी बेनफिशियरी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज है।)

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।