मध्य-पूर्व में इजराइल और हमास की लड़ाई की वजह से ग्लोबल इकोनॉमी मंदी में जा सकती है। ब्लैकरॉक के चीफ एग्जिक्यूटिव Larry Fink ने यह आशंका जताई है। ब्लैकरॉक दुनिया का सबसे बड़ा एसेट मैनेजमेंट फंड है। उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर हमला किया। उसके जवाब में इजराइल ने गाजा पर हमले शुरू किए। उधर, पिछले साल फरवरी में रूस ने यूक्रेन पर हमले शुरू किए थे। इन घटनाओं ने दुनिया को अलग तरह के भविष्य की तरफ धकेल दिया है। जेपी मॉर्गन के प्रमुख Jamie Dimon ने भी कहा है कि दुनिया 1938 के बाद सबसे गंभीर समस्या का सामना कर रही है। Sunday Times को दिए इंटरव्यू में फिंक ने कहा कि जब रूस ने यूक्रेन पर हमले शुरू किए थे तब हमने कहा था कि शांति का समय खत्म हो गया है। हमारी जिंदगी पर सबसे ज्यादा असर जियोपॉलिटिकल रिस्क का पड़ता है। हम देख रहे हैं कि पूरी दुनिया में डर बढ़ रहा है और उम्मीद कम हो रही है।
यूरोप और अमेरिका में आ सकती है मंदी
फिंक ने कहा कि डर बढ़ने पर लोग कंजम्प्शन घटा देते हैं या ज्यादा खर्च करने लगते हैं। इस तरह लंबे समय में डर की वजह से मंदी आती है। इसलिए अगर डर का माहौल बना रहता है तो यूरोप और अमेरिका में मंदी आने की आशंका बढ़ जाएगी। उधर, Dimon ने भी संडे टाइम्स से बातचीत में कहा कि हमास पर इजराइल के हमले और यूक्रेन-रूस की लड़ाई के नतीजे अप्रत्याशित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में इकोनॉमी स्ट्रॉन्ग है। सिस्टम में कई तरह के फिस्कल और मॉनेटरी उपाय किए गए हैं। लेकिन, ये (हमास-इजरायल और रूस-यूक्रेन) जियोपॉलिटकल मामले 1938 के बाद से बहुत गंभीर हैं। अभी जियोपॉलिटकल मोर्चे पर जो हो रहा है वह दुनिया के भविष्य-आजादी, लोकतंत्र, फूड, एनर्जी और इमिग्रेशन के लिए बहुत अहम है।
एनर्जी और फूड की कीमतें बढ़ सकती हैं
फिंक ने ये बातें Dimon के इस तरह की चिंता जताने के करीब तीन हफ्ते बाद कही हैं। तीन हफ्ते पहले डिमोन ने कहा था कि दुनिया बीते कई दशकों के सबसे खतरनाक वक्त से गुजर रही है। दुनिया में बढ़ता टकराव एनर्जी की कीमतों, फूड कॉस्ट, इंटरनेशनल ट्रेड और कूटनीतिक संबंधों को बड़ा असर डाल सकता है। उन्होंने कहा था कि इजराइल के हमलों और यूक्रेन की लड़ाई की वजह से स्थिति ज्यादा जटिल हो गई है। इसके एनर्जी और फूड मार्केट्स पर गंभीर असर हो सकते हैं।
एक साल में डाओ जोंस का रिटर्न 3 फीसदी से भी कम
इससे पहले कुछ दूसरे इनवेस्टर्स भी ग्लोबल इकोनॉमो और वॉल स्ट्रीट के निगेटिव सेंटिमेंट को लेकर चिंता जता चुके हैं। इनमें Ray Dalio और Stanley Durckenmiller जैसे हेज फंड मैनेजर्स और बैंकर्स शामिल हैं। यह ध्यान देने वाली बात है कि ग्लोबल इकोनॉमी में जारी संकट के बीच अमेरिकी स्टॉक मार्केट इंडेक्स डाओ जोंस पिछले एक साल में करीब फ्लैट रहा है। इस दौरान इसका रिटर्न 3 फीसदी से कम रहा है।