15 दिसंबर से शुरू नए हफ्ते में एशियाई बाजार गिरावट के साथ खुले हैं। टेक्नोलॉजी कंपनियों की कमाई के आउटलुक और AI पर उनके भारी खर्च को लेकर बढ़ती चिंताओं ने रिस्क सेंटीमेंट को कमजोर किया है। Nikkei 225 1.5 प्रतिशत, Hang Seng 0.78 प्रतिशत, KOSPI और ताइवान वेटेड 1-1 प्रतिशत गिरे हैं। MSCI का एशिया के लिए इक्विटी गेज 0.4% गिर गया। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, अमेरिकी बेंचमार्क के लिए इक्विटी-इंडेक्स फ्यूचर्स सोमवार को स्मॉल गेन और लॉस के बीच उतार-चढ़ाव कर रहे हैं। बिटकॉइन में भी गिरावट है और यह लगभग 88000 डॉलर पर ट्रेड कर रहा है।
शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजार गिरावट में बंद हुए थे। गिरावट का नेतृत्व टेक शेयरों ने किया। ऐसा माना जा रहा है कि निवेशकों की जोखिम लेने की भूख कम हो रही है। सवाल उठने लगे हैं कि क्या टेक स्टॉक अपनी हाई वैल्यूएशन और AI पर आक्रामक खर्च को आगे सही ठहरा पाएंगे। इस साल एशियाई बाजारों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन अब वे ज्यादा जोखिम में दिख रहे हैं। इसकी वजह है कि टेक्नोलॉजी बूम से जुड़े कंपोनेंट्स की मैन्युफैक्चरिंग ज्यादातर एशिया में ही होती है।
AI बबल फूटने का सता रहा डर
पिछले साल व्यापार संबंधी चिंताओं के बावजूद, विशेष रूप से AI और सामान्य तौर पर टेक शेयरों के दम पर एशियाई बाजारों में अच्छी वृद्धि देखी गई। लेकिन अब एनालिस्ट्स को डर है कि निकट भविष्य में किसी भी वक्त AI बबल फट सकता है। एनवीडिया कॉर्प के शेयरों में हालिया बिकवाली, AI पर बढ़ते खर्च की रिपोर्ट के बाद ओरेकल कॉर्प के शेयरों में गिरावट से यह डर बढ़ रहा है। निवेशकों के बीच बहस इस बात पर है कि संभावित बबल फटने से पहले AI एक्सपोजर कम किया जाए या गेम-चेंजिंग टेक्नोलॉजी का फायदा उठाने के लिए और निवेश किया जाए। AI ट्रेड को लेकर बेचैनी इसके इस्तेमाल, इसे डेवलप करने की भारी लागत, और क्या उपभोक्ता आखिरकार AI सर्विसेज के लिए पेमेंट करेंगे, इन सब से जुड़ी है। इन जवाबों का शेयर बाजार के भविष्य पर बड़ा असर पड़ेगा।
इन चीजों पर रहेगी निवेशकों की नजर
सोमवार को एशिया में चीन के कई अहम आंकड़ों पर नजर रहेगी। इनमें रिटेल बिक्री और औद्योगिक उत्पादन का डेटा शामिल हैं। ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के मुताबिक, हो सकता है कि इन रिपोर्ट्स से नवंबर में चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार और धीमी पड़ने की बात सामने आए। इस सप्ताह, प्रमुख केंद्रीय बैंकों की पॉलिसी मीटिंग्स का अंतिम दौर भी है। इनमें बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान की मीटिंग शामिल हैं। 2026 में मौद्रिक नीति की दिशा का आकलन करने में मदद करने के लिए वैश्विक डेटा की एक बड़ी लिस्ट भी आने वाली है, जैसे कि न्यूजीलैंड में विकास दर, यूरोपीय गतिविधि डेटा, कनाडा और ब्रिटेन के महंगाई के आंकड़े।
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