IT stocks : 19 दिसंबर को भारतीय IT कंपनियों के शेयरों में लगातार तीसरे सेशन में तेज़ी जारी रही। अमेरिका में महंगाई का डर कम होने से फेड रेट कट की उम्मीदें बढ़ीं हैं और एक्सेंचर के उम्मीद से बेहतर Q1 नतीजों ने निवेशकों के सेंटिमेंट को सपोर्ट किया है। इसका असर आईटी शेयरों पर देखने को मिला। आईटी शेयरों की कीमतों में बढ़ोतरी से निफ्टी IT इंडेक्स 1 प्रतिशत से ज़्यादा बढ़कर 39,054.35 के दिन के हाई पर पहुंच गया। इसके बाद इंडेक्स में कुछ गिरावट आई। कारोबार के अंत में ये 0.15 फीसदी की बढ़त के साथ 38,691.60 के स्तर पर बंद हुआ।
नवंबर में अमेरिकी रिटेल महंगाई सालाना आधार पर 2.7 फीसदी बढ़ीं, जो सितंबर तक के 12 महीनों में हुई 3 फीसदी की बढ़ोतरी से कम है। गुरुवार को लेबर डिपार्टमेंट के ब्यूरो ऑफ़ लेबर स्टैटिस्टिक्स द्वारा जारी US कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में नरमी से US फेडरल रिज़र्व द्वारा और रेट कट की उम्मीदें फिर से जाग गई हैं। US में कम इंटरेस्ट रेट भारत जैसे उभरते बाज़ार के इक्विटीज़ को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए आकर्षक बनाते हैं, क्योंकि इससे ट्रेजरी यील्ड और डॉलर में आमतौर पर गिरावट आती है। इससे भी आज हमारे बाजारों को सपोर्ट मिला।
अमेरिका में रेट कट से गैर-जरूरी खर्च की सीमा बढ़ने की भी उम्मीद है, जिससे IT कंपनियों को फायदा होगा। इन कंपनियों को अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा नॉर्थ अमेरिकन मार्केट से मिलता है।
IT सेक्टर पर जेफरीज की राय
जेफ़रीज़ ने FY26 में एक्सेंचर के 1.5-4.5 प्रतिशत ऑर्गेनिक ग्रोथ के अनुमान के बाद भारतीय IT शेयरों में गिरावट के जोखिम की चेतावनी दी है। इस इंटरनेशनल ब्रोकरेज ने कहा है कि एक्सेंचर का "स्थिर से मध्यम" आउटलुक GenAI (जेनेरेटिव एआई) प्रोजेक्ट में तेज़ी के बावजूद सीमित डिस्क्रीशनरी खर्च का संकेत दे रहा है। इसके अलावा Accenture ने मज़बूत Q1 के बाद भी 2-5 प्रतिशत सालाना रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस बनाए रखा है, जो डिमांड में अनिश्चितता का संकेत है।
जेफरीज को भारतीय IT कंपनियों का PE विस्तार सीमित रहने की उम्मीद है और उसने इस सेक्टर पर अपने सेलेक्टिव शेयरों पर ही दांव लगाने के रुख को बरकरार रखा है।
परसिस्टेंट सिस्टम्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), टेक महिंद्रा, इंफोसिस, विप्रो और एम्फेसिस के शेयर आज इंट्राडे में 1 प्रतिशत तक भागे हैं। वहीं, कोफोर्ज, LTI माइंडट्री और HCL टेक के शेयर लाल निशान में रहे। इनमें 1 प्रतिशत तक की गिरावट आई।
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