Zomato shares: ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो (Zomato) के शेयर मंगलवार को 12 फीसदी से अधिक की गिरावट के साथ 41.20 रुपये पर आ गए, जो इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है। इसके साथ ही अश्वथ दामोदरन (Aswath Damodaran) और राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala) जैसे अनुभवी निवेशकों की इस शेयर को लेकर एक साल पहले कही गई बात सही साबित हो गई। अश्वथ दामोदरन ने एक साल पहले कहा था कि जोमैटो के शेयर की वैल्यू 41 रुपये से ज्यादा नहीं है।
अश्वथ दामोदरन, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर है और उन्हें अक्सर वैल्यूएशन गुरु कह पुकारा जाता है। जोमैटो ने पिछले साल जब 76 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर अपना इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लॉन्च किया था, तब दामोदरन ने इसे 'काफी महंगा' बताया था।
उन्होंने कहा था, "मैंने इस शेयर के लिए जो वैल्यूएशन निकाला है, वह करीब 39,400 करोड़ रुपये आता है। इस हिसाब से एक शेयर की कीमत 41 रुपये के आसपास आती है।" जौमैटो के शेयर आज 26 जुलाई को NSE पर गिरकर 41.20 रुपये के स्तर तक गए, जो दामोदरन के बताए भाव के काफी करीब है। शेयरों की कीमत अपने सर्वकालिक स्तर से 76 फीसदी नीचे आ गई है।
इसी तरह राकेश झुनझुनवाला और रामदेव अग्रवाल ने भी जोमैटो के IPO के समय इसके वैल्यूएशन को सार्वजनिक तौर पर मजाक उड़ाया था। हालांकि शेयर बाजार ने उस समय उनके आकलनों को नजरअंदाज किया था और शेयर बंपर लिस्टिंग के बाद 169 रुपये के भाव तक चला गया था। यह दामोदरन की बताई कीमत का करीब चार गुना था। दामोदरन ने उस समय कहा था कि यह कीमत टिकाऊ नहीं है और जल्द इसमें गिरावट आएगी।
यह भी ध्यान देने वाली बात है कि हाल के दिनों में इसके शेयरों में भारी वॉल्यूम और डिलीवरी प्रतिशत में बिकवाली हुई है। सोमवार 25 जुलाई को इसका डिलीवरी वॉल्यूम करीब 40 फीसदी था, जो इसके पिछले महीने के औसत से दोगुना है। वहीं 26 जुलाई को NSE पर डिलीवरी करीब 50 फीसदी रही। डिलीवरी वॉल्यूम में बढ़ोतरी बताता है कि शेयरों में बिकवाली का दबाव मजबूत बना हुआ है।
क्यों आई जोमैटो के शेयरों में गिरावट
Zomato में यह गिरावट उसके शुरुआती निवेशकों के लिए एक साल का लॉक-इन पीरियड खत्म होने के बाद आया है। इन निवेशकों के पास कंपनी के 78 फीसदी या करीब 613 करोड़ शेयर थे। शनिवार 23 जुलाई को इन निवेशकों के लिए एक साल का लॉक-इन पीरियड खत्म हुआ था। इसके बाद से ही जोमैटो के शेयरों में जबरदस्त बिकवाली देखी जा रही है।
क्या है लॉक इन पीरियड का नियम?
लॉक इन पीरियड का नियम उन कंपनियों पर लागू होता है, जिनमें प्रमोटर्स नहीं होते हैं। जोमैटो भी ऐसी ही कंपनियों में शामिल है, जिनमें प्रमोटर होल्डिंग्स जीरो है। नियमों के मुताबिक, जिस कंपनी में प्रमोटर्स नहीं होते हैं उनमें IPO से पहले कंपनी के पास मौजूद इक्विटी शेयर कैपिटल एक शेयरों के अलॉटमेंट से एक साल तक लॉक हो जाती है। इस दौरान, ये शेयरहोल्डर अपना एक भी शेयर बेच नहीं सकते हैं।
Jefferies को उम्मीद, 100 रुपये तक जाएगा जोमैटो का शेयर
विदेशी ब्रोकरेज फर्म जेफरीज (Jefferies) ने Zomato के शेयरों के लिए Buy रेटिंग देते हुए इसका टारगेट प्राइस 100 रुपए तय किया है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि खराब सेंटीमेंट की वजह से खरीदारी करने का शानदार मौका है। Jefferies को उम्मीद है कि इस सेगमेंट की प्रॉफिटबिलिटी सुधरेगी, इंडस्ट्री का स्ट्रक्चर पहले से ज्यादा बेहतर होगा और आने वाले दिनों में कंपनी कैश बचा पाएगी।
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