कैंपस हायरिंग के चलते कम हो रहा है एट्रिशन, 3 तिमाही से हर बार मिली 10 अरब डॉलर से ज्यादा की डील्स - TCS का मैनेजमेंट

हायरिंग के प्लान पर मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि हायरिंग को तिमाही दर तिमाही नहीं देखना चाहिए। हमने कैंपस हायरिंग पर 2 साल से काफी निवेश किया है। इसका फायदा अब मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कैंपस हायरिंग के चलते एट्रिशन कम हो रहा है। एट्रिशन घटने से हायरिंग कम हुई। हायरिंग को डिमांड से जोड़कर नहीं देखना चाहिए

अपडेटेड Oct 12, 2023 पर 3:45 PM
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समीर सेकसरिया ने कहा कि कंपनी को काफी नई डील्स मिल रही हैं। पिछली 3 तिमाही से हर बार कंपनी को 10 अरब डॉलर से ज्यादा की डील्स मिली है। नई डील्स से रेवेन्यू उम्मीद के मुताबिक ही रहा है
     
     
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    देश की सबसे बड़ी आईटी सेक्टर की कंपनी TCS के दूसरी तिमाही में मिले जुले हैं। तीन साल में पहली बार डॉलर रेवेन्यू घटा है हलांकि मार्जिन के फ्रंट पर अच्छा प्रदर्शन है। नई DEAL WINS भी उम्मीद से ज्यादा है। आगे की कैसी कमेंट्री है, क्लाइंट क्या सोच रहे हैं इस बारे में कंपनी के टॉप मैनेजमेंट से हमारे सहयोगी चैनल सीएनबीसी-आवाज़ ने खास बात की। कंपनी की तरफ से सीएफओ समीर सेकसरिया और CHRO मिलिंद लक्कड़ ने कंपनी के नतीजों के बाद आगे की रणनीति बताई। कंपनी के मैनेजमेंट ने कहा कि 3 तिमाही से हर बार कंपनी को 10 अरब डॉलर से ज्यादा के डील्स मिली हैं। नई डील्स से रेवेन्यू भी उम्मीद के मुताबिक मिलने वाला है।

    सवाल1 - तीन साल में पहली डॉलर रेवेन्यू में गिरावट क्यों आई?

    CFO समीर सेकसरिया ने इसके जवाब में कहा कि Q2 में रुपए के टर्म में रेवेन्यू में 0.5% की बढ़ोतरी हुई। दूसरी तिमाही में CC रेवेन्यू फ्लैट रहे हैं। मौजूदा माइक्रो परिस्थिति में क्लाइंट का नजरिया सतर्क देखने को मिला। जनवरी से क्लाइंट काफी सतर्क होकर चल रहे हैं। पिछली तिमाही से इस तिमाही में ज्यादा परिवर्तन नहीं दिखा। कम जरूरी प्रोजेक्ट पर क्लाइंट खर्च करने से बच रहे हैं। कंपनी को काफी नए डील्स मिल रहे हैं। 3 तिमाही से हर बार कंपनी को 10 अरब डॉलर से ज्यादा के डील्स मिले। नई डील्स से रेवेन्यू उम्मीद के मुताबिक ही रहा है।

    सवाल 2 -क्या माहौल सुधरने के संकेत मिल रहे हैं?


    समीर सेकसरिया ने कहा कि इंडस्ट्री के माहौल और ट्रेंड में खास बदलाव नहीं हुआ है।

    सवाल 3- मार्जिन ग्रोथ क्या बरकरार रख सकेंगे?

    TCS के CFO ने कहा कि इस तिमाही में 24.26% मार्जिन रही है। Q2 मार्जिन में 110 bps की बढ़ोतरी हुई। यूटिलाइजेशन में सुधार होने से मार्जिन को सपोर्ट मिला है। कंपनी को डिस्क्रिशनरी स्पेंडिंग कंट्रोल से मार्जिन को सपोर्ट मिला। हम इंफ्रा्स्ट्रक्चर पर निवेश जारी रखेंगे। इसके साथ ही मार्जिन ग्रोथ बरकरार रखने की कोशिश करेंगे।

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    सवाल 4- वर्क फ्रॉम होम खत्म होने से क्या लागत बढ़ेगी?

    इसके उत्तर मे कंपनी के CHRO मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि कंपनी को समझने के लिए कर्मचारी का दफ्तर आना जरूरी है। कर्मचारियों के दफ्तर आने से इंफ्रा कॉस्ट नहीं बढ़ेगा।

    सवाल 5- हायरिंग को लेकर प्लान क्या रहे है, इस तिमाही में 6000 कम हायरिंग हुई

    मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि हायरिंग को तिमाही दर तिमाही नहीं देखना चाहिए। 2 साल से कैंपस हायरिंग पर काफी निवेश किया है। कैंपस हायरिंग का फायदा अब मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कैंपस हायरिंग के चलते एट्रिशन कम हो रहा है। एट्रिशन घटने से हायरिंग कम हुई। हायरिंग को डिमांड से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। कर्मचारियों की संख्या से डिमांड का संबंध नहीं है।

    सवाल 6- क्या FY25 में डबल डिजिट ग्रोथ हासिल होगा?

    समीर सेकसरिया ने इसके जवाब में कहा कि इकोनॉमी के हालात नहीं सुधरे तो ग्रोथ ऐसी ही रहेगी। लेकिन आगे इकोनॉमिक के हालात सुधारने की उम्मीद है। हमें नई डील्स से पॉजिटिव संकेत मिल रहे हैं। हमारा मानना है कि FY24 के बाद FY25 की तस्वीर साफ होगी।

    सवाल 7- किन वर्टिकल्स में ज्यादा दिक्कतें हैं?

    समीर ने कहा कि तिमाही आधार पर BFSI में ग्रोथ दिखी जो कि पिछली बार निगेटिव था। सालाना आधार पर BFSI ग्रोथ में कमी नजर आई। कुछ तिमाही से BFSI में दिक्कतें रही हैं। इसका टेलीकॉम और टेक सर्विसेज की ग्रोथ पर असर पड़ा है। इसके आगे भी मैन्युफैक्चरिंग वर्टिकल में आउटपरफॉर्मेंस जारी रहेगा। मैन्युफैक्चरिंग वर्टिकल में कंपनी का मार्केट शेयर बढ़ा है। एनर्जी और यूटिलिटीज में भी ग्रोथ रही। सारे वर्टिकल के अच्छा करने से ग्रोथ बढ़ेगी।

     

     

     

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