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Bajaj Housing Finance Q2 Results: सितंबर तिमाही में 21% बढ़ा नेट प्रॉफिट, NII में 13% का उछाल

Bajaj Housing Finance Q2 Results: NBFC कंपनी की जुलाई-सितंबर तिमाही में नेट इंटरेस्ट इनकम सालाना आधार पर 13 फीसदी बढ़कर 713 करोड़ रुपये हो गई। कंपनी ने यह जानकारी स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में दी है। इस आईपीओ ने लिस्टिंग पर ही निवेशकों का पैसा डबल कर दिया था

अपडेटेड Oct 21, 2024 पर 6:04 PM
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Bajaj Housing Finance: बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने आज 21 अक्टूबर को FY25 की पहली तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं।

Bajaj Housing Finance Q2: बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने आज 21 अक्टूबर को FY25 की पहली तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 21 फीसदी बढ़कर 546 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की समान तिमाही में यह आंकड़ा 451 करोड़ रुपये था। यह IPO के बाद कंपनी का पहला रिजल्ट है। इस बीच कंपनी के शेयरों में आज 1.97 फीसदी की गिरावट आई है और यह स्टॉक BSE पर 136.55 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। कंपनी ने बाजार बंद होने के बाद नतीजे जारी किए हैं।

Bajaj Housing Finance की NII में 13% की बढ़ोतरी

NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी) की जुलाई-सितंबर तिमाही में नेट इंटरेस्ट इनकम सालाना आधार पर 13 फीसदी बढ़कर 713 करोड़ रुपये हो गई। कंपनी ने यह जानकारी स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में दी है। इस आईपीओ ने लिस्टिंग पर ही निवेशकों का पैसा डबल कर दिया था। सितंबर 2024 में बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने अपने पब्लिक इश्यू से 6560 करोड़ रुपये जुटाए थे। सितंबर तिमाही के दौरान एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 26 फीसदी बढ़कर 30 सितंबर 2024 तक 1.03 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 81,215 करोड़ रुपये था।


कैसे रहे Bajaj Housing Finance के नतीजे

हालांकि, नेट प्रॉफिट मार्जिन एक साल पहले के 23.6 फीसदी से थोड़ा कम होकर 22.64 फीसदी पर आ गया। इसी तरह, कंपनी का ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) 0.24 फीसदी से बढ़कर 0.29 फीसदी हो गया, जबकि नेट एनपीए 0.09 फीसदी से बढ़कर 0.12 फीसदी हो गया। प्रोविजन कवरेज रेश्यो (PCR) एक साल पहले के 60.79 फीसदी से घटकर 57.87 फीसदी पर आ गया।

बजाज हाउसिंग फाइनेंस के कैपिटल एडेक्वेसी रेश्यो में सुधार हुआ, जो पिछले साल के 22.64 फीसदी से बढ़कर 28.98 फीसदी हो गया, जो आईपीओ के बाद मजबूत कैपिटल रिजर्व को दिखाता है। इन लाभों के बावजूद, एसेट पर वार्षिक रिटर्न 2.6 फीसदी से घटकर 2.5 फीसदी हो गया, और इक्विटी पर वार्षिक रिटर्न 16.1 फीसदी से घटकर 13 प्रतिशत हो गया।

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