Credit Cards

गन्ने के जूस से एथेनॉल बनाने पर रोक से कंपनियों और किसानों को लगेगा झटका- विवेक सरावगी, BALRAMPUR CHINI

सीएनबीसी-आवाज़ से विशेष बातचीत में विवेक सरावगी ने कहा कि एथेनॉल पर सरकार के फैसले से बड़ा झटका लगा है। एथेनॉल डायवर्जन घटाने से बड़ा झटका लगा है। एथेनॉल पॉलिसी काफी विचार करके लाई गई थी। लिहाजा एथेनॉल डायवर्जन पर दूसरे विकल्प भी हो सकते थे। एथेनॉल के लिए गन्ने के जूस का उपयोग पूरी तरह से नहीं रोकना चाहिए था

अपडेटेड Dec 08, 2023 पर 12:38 PM
Story continues below Advertisement
विवेक सरावगी ने कहा कि हम चीनी कीमतें घटाने के कदम का समर्थन करते हैं। लेकिन सरकार को दूसरे उपाय पर भी विचार करना चाहिए था

गन्ने के जूस से एथेनॉल बनाने पर सरकार ने रोक लगा दी है और इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। सरकार ने 2023-24 के लिए ये रोक लगाई गई है। साथ सरकार ने ये साफ किया है कि बी हैवी मोलासेज से एथेनॉल बनाने पर रोक नहीं लगाई गई है। सरकार के इस फैसले का मकसद चीनी की कीमतें कंट्रोल करना है। सरकार ने चीनी की किल्लत रोकने के लिए ये फैसला लिया है। 2023-24 में चीनी उत्पादन गिरने से चिंता बढ़ी है। लेकिन सरकार के इस फैसले पर देश की सबसे बड़ी चीनी कंपनी बलरामपुर चीनी के सीएमडी विवेक सरावगी का कहना है कि सरकार को एथेनॉल के लिए गन्ने के जूस का इस्तेमाल पूरी तरह से नहीं रोकना चाहिए था।

हमारे सहयोगी चैनल सीएनबीसी-आवाज़ से विशेष बातचीत में सरावगी ने कहा कि एथेनॉल पर सरकार के फैसले का हमें अंदाजा नहीं था। सरकार के फैसले से बड़ा झटका लगा है। एथेनॉल डायवर्जन घटाने से बड़ा झटका लगा है। एथेनॉल पॉलिसी काफी विचार करके लाई गई थी। लिहाजा एथेनॉल डायवर्जन पर दूसरे विकल्प भी हो सकते थे। एथेनॉल के लिए गन्ने के जूस का उपयोग पूरी तरह से नहीं रोकना चाहिए था।

उन्होंने आगे कहा कि हालांकि फैसले का कंपनी पर बहुत बड़ा असर नहीं होगा क्योंकि सरकार का ये फैसला लंबी अवधि के लिए नहीं है। चीनी के दाम घटाने के लिए सरकार ने कदम उठाया। लेकिन सरकार को दूसरे उपाय पर भी विचार करना चाहिए था। हम चीनी कीमतें घटाने के कदम का समर्थन करते हैं। फिर भी फैसले के बाद सरकार को एथेनॉल की सप्लाई में कमी आएगी।


RBI पॉलिसी के दिन आज ब्रोकरेज फर्मों ने एचडीएफसी बैंक, एसबीआई और एक्सिस बैंक के शेयरों पर लगाया दांव

BALARAMPUR CHINI के सीएमडी विवेक सरावगी ने आगे कहा कि 10 साल में पहली बार सरकार के फैसले से निराशा हुई है। शुगर प्रोडक्शन 15 लाख से 17 लाख टन तक बढ़ जाएगा। सरकार ने पहले खूब बढ़ावा दिया लेकिन अचानक पीछे हट गई। शुगर की घरेलू खपत 285 लाख टन है। घरेलू खपत के मुकाबले चीनी का प्रोडक्शन काफी ज्यादा होगा। हालांकि हम भी सरकार के फैसले के साथ हैं।

विवेक ने कहा कि सरकार चीनी का एक्सपोर्ट खोले तो अच्छा होगा। किसानों पर भी सरकार के फैसले का असर देखने को मिलेगा। सरकार के फैसले से किसानों को भी झटका लगेगा। वहीं बैंकर के पीछे हटने से पेमेंट में देरी होगी। किसानों को मिलने वाले भुगतान में देरी संभव है। सरकार के उद्देश्य ने हमारा 10 साल तक साथ दिया।

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)

 

 

 

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।