स्टॉक मार्केट में 4 नवंबर को आई 1300 प्वाइंट्स की गिरावट ने रिटेल इनवेस्टर्स को डरा दिया है। नए संवत की शुरुआत अच्छी नहीं दिख रही। इस मार्केट को समझने के लिए मनीकंट्रोल ने ओमिनीसाइंस कैपिटल के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट विकास गुप्ता से बातचीत की। उनसे स्टॉक मार्केट्स और इनवेस्टमेंट को लेकर कई सवाल पूछे। यह भी पूछा कि अक्टूबर में गिरावट के बाद निवेश के मौके कहां दिख रहे हैं।
बैंकिंग और पावर सेक्टर में निवेश के हैं मौके
उन्होंने हालिया गिरावट के बाद बैंकिंग स्टॉक्स (Banking Stocks) को अपनी पहली पसंद बताया। पावर सेक्टर (Power Sector) को उन्होंने अट्रैक्टिव बताया। बिजली बनाने वाली और उन्हें लोन देने वाली फाइनेंस कंपनियां अच्छी दिख रही हैं। खासकर अगले 6-7 साल तक रिन्यूएबल एनर्जी में इनवेस्ट करने वाली कंपनियों का प्रदर्शन अच्छा रह सकता है।
FY26 की पहली छमाही में दिखेगी अर्निंग्स ग्रोथ
गुप्ता का मानना है कि सितंबर तिमाही में कमजोर अर्निंग्स ग्रोथ के बाद FY25 की दूसरी छमाही में भी स्थिति चैलेंजिंग दिख रही है। लेकिन, FY26 की पहली छमाही में अर्निंग्स ग्रोथ में इम्प्रूवमेंट दिख सकती है। कमोडिटीजी जैसे साइक्लिकल सेक्टर्स ने आउटलुक पर काफी असर डाला है। अगर कमोडिटीज को छोड़ दिया जाए तो FY25 में अर्निंग्स ग्रोथ ठीक रह सकती है। गुप्ता को कैपिटल मार्केट्स का 20 साल से ज्यादा का अनुभव है।
इन तीन चीजों का असर ग्लोबल मार्केट्स पर दिखेगा
आगे मार्केट की चाल कैसी रहेगी? गुप्ता ने कहा कि शॉर्ट टर्म में तीन चीजों का असर ग्लोबल मार्केट्स पर पड़ेगा। इसमें पहला अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव है। दूसरा टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग ट्रेड है। फिर जनवरी इफेक्ट दिखेगा जिसमें टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग ट्रेड रिवर्स होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को लेकर तस्वीर 6 नवंबर को साफ हो जाएगी। इसके एक हफ्ते बाद मार्केट स्टेबलाइज हो जाएगा। इसके बाद दिसंबर में टैक्स-लॉस हार्वेस्टिंग ट्रेड का असर खराब प्रदर्शन वाले स्टॉक्स पर पड़ेगा। फिर जनवरी इफेक्ट में खरीदारी देखने को मिलेगी।
नवंबर मध्य से जनवरी मध्य के बीच मार्केट पकड़ लेगा दिशा
गुप्ता का मानना है कि नवंबर मध्य से जनवरी मध्य के बीच मार्केट अपनी दिशा पकड़ लेगा। FY26 के दौरान निफ्टी की अनुमानित करीब 1,200 रुपये से 1,250 रुपये की EPS और RBI के इंटरेस्ट रेट घटाने पर हमें P/E थोड़ी ज्यादा रहने की उम्मीद है, जो मार्केट के बेहतर प्रदर्शन के लिहाज से अच्छा रहेगा। FY25 में अर्निंग्स कमजोर दिख रही है, लेकिन FY26 की शुरुआत में इसमें रिकवरी दिख सकती है। इनफ्लेशन आरबीआई के 4 फीसदी के टारगेट तक आ जाने, रियल जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी से ज्यादा रहने और इंटरेस्ट रेट में कमी से अर्निंग्स और इकोनॉमी को सपोर्ट मिलेगा।