बैंकों की सेहत करीब एक दशक में सबसे अच्छी, फिर बैंकिंग स्टॉक्स में गिरावट की क्या है वजह?

बैकों की वित्तीय सेहत करीब एक दशक में सबसे अच्छी है। इसका पता RBI की रिपोर्ट से चलता है। RBI की फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकों का ग्रॉस एनपीए सितंबर 2024 में घटकर 2.6 फीसदी पर आ गया, जो 12 साल में सबसे कम है

अपडेटेड Mar 06, 2025 पर 12:38 PM
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IIFL की रिपोर्ट में बैंकों की वैल्यूएशन के बारे में कहा गया है कि यह महंगा नहीं है। कई एनालिस्ट्स भी इस बारे में बता चुके हैं।

इंडियन स्टॉक मार्केट्स में बीते 5 महीनों में आई गिरावट की एक बड़ी वजह हाई वैल्यूएशन रही है। दूसरे बाजारों के मुकाबले वैल्यूएशन ज्यादा होने की वजह से विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने इंडियन मार्केट में बिकवाली की है। लेकिन, बैंकिंग स्टॉक्स की वैल्यूएशन ठीक रही है। नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) कई सालों के निचले स्तर पर है। प्रॉफिट ग्रोथ अच्छी है। फिर बैंकिंग स्टॉक्स में क्यों गिरावट आई है?

बैंक निफ्टी बीते 6 महीनों में 4 फीसदी गिरा

बीते 6 महीनों में Bank Nifty 4 फीसदी गिरा है। इस दौरान Nifty 50 में करीब 10 फीसदी गिरावट आई है। इसका मतलब है कि बैंकिंग स्टॉक्स में कम गिरावट आई है। ऐसा लगता है कि बैंकिंग स्टॉक्स में गिरावट की वजह बैंकों का खराब प्रदर्शन नहीं है बल्कि यह है कि बड़ी गिरावट के बीच इनवेस्टर्स स्टॉक्स में फर्क नहीं कर पाते हैं। खासकर तब जब मार्केट की वजह ग्लोबल फैक्टर्स हों। अगर बैंकों की वित्तीय सेहत की बात की जाए तो यह कम से कम दशक में सबसे अच्छा है।


ग्रॉस एनबीए बीते 12 सालों में सबसे कम

RBI की फाइनेंशियल स्टैबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकों का ग्रॉस एनपीए सितंबर 2024 में घटकर 2.6 फीसदी पर आ गया, जो 12 साल में सबसे कम है। इससे बैंकों के बैड लोन में लगातार आ रही कमी का पता चलता है। बैड लोन के ज्यादातर अकाउंट्स या तो राइट-ऑफ कर दिए गए हैं या बैंकरप्सी कोर्ट में उनके रिजॉल्यूशन की प्रक्रिया चल रही है। एसेट क्वालिटी की बात की जाए तो अब चिंता सिर्फ माइक्रो फाइनेंस लोन को लेकर रह गई है।

12 लाख करोड़ के लोन राइट-ऑफ किए गए

पर्सनल लोन के कुछ सेगमेंट को लेकर भी कुछ चिंता है। बैंकों ने 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के लोन राइट-ऑफ किए हैं। इनमें से ज्यादातर सरकारी बैंकों के लोन थे। क्रेडिट ग्रोथ की बात की जाए तो IIFL की एक रिपोर्ट बताती है कि बैंकों की लोन ग्रोथ सुस्त पड़ रही है, लेकिन सिस्टम की कुल क्रेडिट ग्रोथ अच्छी बनी हुई है। कॉर्पोरेट लोन ग्रोथ मिलीजुली है लेकिन रिटेल और एसएमई सेगमेंट की ग्रोथ स्ट्रॉन्ग बनी हुई है।

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बैंकिंग स्टॉक्स पर दांव लगाने का सही वक्त

IIFL की रिपोर्ट में बैंकों की वैल्यूएशन के बारे में कहा गया है कि यह महंगा नहीं है। कई एनालिस्ट्स भी इस बारे में बता चुके हैं। इनमें जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर शामिल हैं। ऐसे में बैंकिंग स्टॉक्स में आई गिरावट की कुछ खास वजह दिखती हैं। इनमें ग्लोबल टैरिफ वॉर, बढ़ता इनफ्लेशन और डिमांड स्लोडाउन शामिल हैं। स्थितियां बदलते ही बैंकिंग स्टॉक्स की चमक बढ़ सकती है। इनवेस्टर्स सस्ते बैंक शेयरों पर गौर कर सकते हैं।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Mar 06, 2025 12:28 PM

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