सेबी ने वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2024 के बीच F&O सेगमेंट में घाटे-मुनाफे पर रिपोर्ट जारी की है। इसके मुताबिक पिछले तीन सालों में 93 फीसदी इंडिविजुअल ट्रेडर्स को इक्विटी F&O ट्रेडिंग में घाटा हुआ। जबकि अकेले वित्त वर्ष 2024 में करीब 91 फीसदी इंडिविजुअल ट्रेडर्स को F&O सेगमेंट में घाटा हुआ जिनकी संख्या करीब 73 लाख है। सेबी रिपोर्ट के मुताबिक 10 में से 9 इंडिविजुअल ट्रेडर्स को इक्विटी F&O में घाटा झेलना पड़ा है।
सेबी के ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2024 के बीच इंडिविजुअल ट्रेडर्स को करीब 1.8 लाख करोड़ से ज्यादा का घाटा हुआ है। पिछले तीन सालों में हर इंडिविजुअल ट्रेडर औसतन दो लाख रुपए का घाटा हुआ है। करीब 4 लाख ट्रेडर्स को औसतन 28 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। इसमें ट्रांजैक्शन कॉस्ट भी शामिल है। चौंकाने वाली बात ये है कि सिर्फ 1 फीसदी इंडिविजुअल ट्रेडर्स 1 लाख रुपए से ज्यादा का मुनाफा कमाने में कामयाब रहे।
वित्त वर्ष 2024 में F&O ट्रेडर्स को 75,000 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। 3 सालों में इंडिविजुअल ट्रेडर को औसतन 2 लाख रुपए का घाटा हुआ है। करीब 4 लाख ट्रेडर्स को औसतन 28 लाख रुपए का नुकसान हुआ है।
खास बात यह है कि भारी रिस्क के बावजूद F&O सेगमेंट में 4 साल में ट्रेडर्स की संख्या 300 फीसदी बढ़ी, 30 साल से कम उम्र वालों की हिस्सेदारी में 48 फीसदी बढ़ी है। वित्त वर्ष 2019 की तुलना में वित्त वर्ष 2023 में इक्विटी कैश सेगमेंट में इंट्राडे ट्रेडिंग करने वाले रिटेल इन्वेस्टर्स की संख्या में 300 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। स्टडी में एकेडमिक जगत से जुड़े लोग, ब्रोकर्स और मार्केट एक्सपर्ट्स को शामिल किया गया है।
हाल ही में सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने भी कहा था कि 'कैपिटल मार्केट रेगुलेटर F&O सेगमेंट में स्ट्टेबाजी के खिलाफ चेतावनी देने के लिए "मजबूर" है क्योंकि यह एक निवेशक का माइक्रो इश्यू न रहकर अर्थव्यवस्था का मैक्रो इश्यू बन गया है। हाउसहोल्ड फाइनेंशियल सेविंग्स सट्टेबाजी में जा रही है। युवा ऐसे ट्रेड में लाखों रुपए गंवा रहे हैं।'