US Fed पर नहीं रहा इनवेस्टर्स का भरोसा, दिग्गज निवेशक Bill Ackman ने बताई Stock Markets में गिरावट की यह वजह

अरबपति निवेशक बिल ऑकमैन ने कहा, अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट है क्योंकि निवेशकों को भरोसा नहीं है कि यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) महंगाई को काबू में करने में कामयाब हो पाएगा

अपडेटेड May 26, 2022 पर 8:50 AM
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Bill Ackman ने कहा कि यूएस फेड (US Fed) को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में ज्यादा सख्ती करने की जरूरत है

Billionaire Investor Bill Ackman : अरबपति निवेशक बिल ऑकमैन ने कहा कि महंगाई नियंत्रण से बाहर हो रही है। अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट है, क्योंकि निवेशकों को भरोसा नहीं है कि यूएस फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) महंगाई को काबू करने में कामयाब हो पाएगा।

अमेरिका के लिए बेहद मुश्किल दौर बताते हुए Bill Ackman ने कहा कि यूएस फेड (US Fed) को अपनी मॉनेटरी पॉलिसी में ज्यादा सख्ती और इंटरेस्ट रेट्स में बढ़ोतरी के जरिये ‘महंगाई के जिन्न’ को वापस बोतल में डालने की जरूरत है। आकमैन ने कहा कि महंगाई को काबू में करने के दूसरे तरीकों से स्टॉक मार्केट में गिरावट आएगी, जिससे “आर्थिक तबाही” मचेगी और “डिमांड बाधित होगी।”

मॉनेटरी सख्ती या इकोनॉमी की बर्बादी


ऑकमैन ने एक ट्वीट के जरिये कहा, महंगाई को काबू में करने का एक एक मात्र तरीका आक्रामक रूप से मॉनेटरी सख्ती या अर्थव्यवस्था में गिरावट से ऐसा होगा। उन्होंने कहा, “आज असाधारण रोजगार, 3.6 फीसदी बेरोजगारी, वेतन में बढ़ोतरी के साथ एनर्जी, कृषि और फूड, हाउसिंग और लेबर में आपूर्ति/ मांग का असंतुलन जारी है। इसलिए, फेड के आक्रामक रूप से ब्याज में बढ़ोतरी के बिना महंगाई में कमी की कोई संभावना नहीं है। या फिर स्टॉक मार्केट में गिरावट, आर्थिक तबाही को बढ़ावा देने और डिमांड बाधित करने से ऐसा हो सकता है।”

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बाजार में कब आएगी तेजी

ऑकमैन ने यह भी कहा कि निवेशकों को जब महंगाई में बढ़ोतरी का दौर खत्म होने का भरोसा हो जाएगा, तब मार्केट वापसी करेंगे और उनमें तेजी आएगी।

आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान में अमेरिका में महंगाई 40 साल के ऊपरी स्तर पर है। इससे कंज्यूमर्स, फूड, आवास और एनर्जी आदि आवश्यकताओं पर दबाव बढ़ेगा। इसके साथ ही, अमेरिकी अर्थव्यवस्था ऊंची बेरोजगारी का सामना कर रही है और दूसरे देशों की तुलना में वहां पूरी तरह रिकवरी नहीं आई है।

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महंगाई को थामने के हैं सिर्फ दो रास्ते

इकोनॉमिस्ट्स ने संकेत दिए हैं कि ब्याज दरें बढ़ने से खर्च को झटका लग सकता है और इससे कम से कम हल्की मंदी देखने को मिल सकती है।

हेज फंड मैनेजर ऑकमैन ने कहा, ऐसा कोई अनुमान नहीं है कि फेड के ब्याज दर में 200 से 300 बीपीएस की बढ़ोतरी से 3.6 फीसदी बेरोजगारी के साथ 8 फीसदी महंगाई की समस्या का हल निकल आएगा। उन्होंने कहा, “मौजूदा नीति से हम सिर्फ डबल डिजिट महंगाई की ओर बढ़ रहे हैं। इसे सिर्फ बाजार की तबाही या ब्याज दरों में भारी बढ़ोतरी से ही रोका जा सकता है।”

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First Published: May 26, 2022 8:49 AM

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