बिटकॉइन की वैल्यू क्रैश कर गई है। अक्तूबर की शुरुआत में 1,26,000 डॉलर से क्रैश कर इसकी वैल्यू 18 नवंबर को 90,000 डॉलर से नीचे आ गई। आखिर बिटकाइन में इस बड़ी गिरावट की क्या वजह?
बिटकॉइन की वैल्यू क्रैश कर गई है। अक्तूबर की शुरुआत में 1,26,000 डॉलर से क्रैश कर इसकी वैल्यू 18 नवंबर को 90,000 डॉलर से नीचे आ गई। आखिर बिटकाइन में इस बड़ी गिरावट की क्या वजह?
बिटकॉइन में इस वजह से आई थी बड़ी तेजी
इस गिरावट से पहले बिटकॉइन में जबर्दस्त तेजी आई थी। इस साल जनवरी में डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका का दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद से इसमें तेजी दिखी थी। इससे इसकी वैल्यू अक्तूबर में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थी। ट्रंप बिटकॉइन के पुराने समर्थक हैं। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव प्रचार के दौरान बिटकॉइन का जमकर समर्थन किया था।
अक्टूबर में वैल्यू रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई
इस साल मई में पहली बार Bitcoin ने 1,00,000 डॉलर का लेवल पार किया था। पिछले महीने यह 1,26,251 डॉलर तक पहुंच गया। अमेरिका में दिसंबर में इंटरेस्ट रेट में कमी के अनुमान से भी बिटकॉइन को सपोर्ट मिला था। माना गया कि अमेरिका कमजो जॉब्स रिपोर्ट को देखते हुए फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट में कमी कर सकता है।
इस वजह से शुरू हो गई बिटकॉइन में गिरावट
ट्रेंप ने पिछले महीने चीन के साथ ट्रेड वॉर बढ़ने के संकेत दिए। इसका असर क्रिप्टोकरेंसीज की वैल्यू पर दिखा। इसके बाद निवेशकों ने सुरक्षित माने जाने वाले एसेट्स में ज्यादा दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी। इनवेस्टर्स बिटकॉइन से पैसे निकालकर दूसरे एसेट्स में लगाने लगे। इससे बिटकॉइन की वैल्यू गिरनी शुरू हो गई। बिटकॉइन पर दांव लगाने वाले इनवेस्टर्स को भारी नुकसान हुआ।
वैल्यू गिरकर 90,000 डॉलर से नीचे आई
बीटीसी मार्केट में क्रिप्टो एनालिस्ट रेचेल लुकास के मुताबिक, इनवेस्टर्स ने बिटकॉइन के 20 अरब डॉलर के सौदे काटे हैं। इससे अक्तूबर की शुरुआत में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद 18 नवंबर को बिटकॉइन की वैल्यू गिरकर 90,000 डॉलर से नीचे आ गई। Dogecoin सहित दूसरी क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू में भी गिरावट आई।
अमेरिकी गवर्नमेंट शटडाउन का असर
अमेरिका में सबसे लंबे गवर्नमेंट शटडाउन की वजह से शेयरों सहित उन दूसरे एसेट्स में भी गिरावट आई है, जिन्हें निवेश के लिहाज से सुरक्षित नहीं माना जाता है। शटडाउन की वजह से अमेरिकी इकोनॉमी से जुड़े कई अहम डेटा रिलीज नहीं किए जा सके। इन डेटा से यह अनुमान लगाने में मदद मिलती है कि फेडरल रिजर्व अगले महीने इंटरेस्ट रेट में कितना कमी कर सकता है।
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क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर रेगुलेटर्स के रुख में बदलाव
हालंकि, बिटकॉइन को संस्थानों की उसमें बढ़ती दिलचस्पी का फायदा मिला है। न सिर्फ अमेरिका बल्कि कुछ दूसरे देशों में भी क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर रेगुलेटर्स के रुख में बदलाव दिख रहा है। यूरोपीय यूनियन ने MiCA के रेगुलेशन के लिए अपना अलग फ्रेमवर्क बनाया है। इंग्लैंड के अगले साल किसी समय अपने नियम पेश करने की उम्मीद है।
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