अमेरिकी मार्केट्स में गिरावट के बीच इंडियन मार्केट ने दिखाया दम, इन 4 वजहों से नहीं गिरा भारतीय बाजार

पिछले एक-डेढ़ साल में अमेरिकी मार्केट्स में आई तेजी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनियों के शेयरों में उछाल का बड़ा हाथ रहा है। अब हवा का रुख बदलता दिख रहा है। पिछले हफ्ते SoftBank ने Nvidia के 5.8 अरब डॉलर के शेयर बेच दिए। इसे एआई शेयरों की चमक घटने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है

अपडेटेड Nov 19, 2025 पर 6:17 PM
Story continues below Advertisement
एआई कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट दिख रही है, जिसका असर अमेरिकी बाजार पर पड़ा है।

इंडियन मार्केट्स पर ग्लोबल मार्केट्स में गिरावट का असर नहीं पड़ा है। बीते कुछ दिनों में अमेरिका सहित कई बड़े बाजारों में भारी गिरावट आई है। इसके बावजूद सेंसेक्स और निफ्टी में 10 नवंबर से 17 नवंबर के बीच लगातार छह दिनों तक तेजी जारी रही। 18 नवंबर को मार्केट में थोड़ी प्रॉफिट बुकिंग दिखी। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 2-2 फीसदी का उछाल आया। अमेरिकी स्टॉक मार्केट्स के प्रमुख सूचकांक बीते 9 सत्रों में से 7 में गिरकर बंद हुए। सवाल है कि आखिर इंडियन मार्केट्स पर ग्लोबल मार्केट की गिरावट का असर क्यों नहीं पड़ा?

AI स्टॉक्स में बिकवाली का इंडिया पर असर नहीं

पिछले एक-डेढ़ साल में अमेरिकी मार्केट्स में आई तेजी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनियों के शेयरों में उछाल का बड़ा हाथ रहा है। अब हवा का रुख बदलता दिख रहा है। पिछले हफ्ते SoftBank ने Nvidia के 5.8 अरब डॉलर के शेयर बेच दिए। इसे एआई शेयरों की चमक घटने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। एआई कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट दिख रही है, जिसका असर अमेरिकी बाजार पर पड़ा है। नैस्डेक हाल के अपने सबसे ऊंचे लेवल से 1,526 प्वाइंट्स गिर चुका है। इंडिया में एआई कंपनियां नहीं है, जिससे इंडियन मार्केट्स पर ग्लोबल मार्केट्स में गिरावट का असर नहीं पड़ा है।

निफ्टी की वैल्यूएशन अट्रैक्टिव लेवल पर


निफ्टी ने पिछले साल 27 सितंबर को ऑल-टाइम हाई बनाया था। तब यह 26,277 प्वाइंट्स पर पहुंच गया था। तब से इसमें बड़ी गिरावट आई है। मार्च-अप्रैल में अपने पीक से यह 17 फीसदी तक गिरकर 21,000 के लेवल पर आ गया था। इस दौरान Nasdaq 18 फीसदी, S&P 500 करीब 12 फीसदी और डाओ जोंस में 6.5 फीसदी तेजी आई थी। अब निफ्टी भले ही गिरावट से काफी हद तक उबर चुका है। लेकिन, बीते एक साल में इसका रिटर्न काफी कमजोर है। इस गिरावट की वजह से निफ्टी की वैल्यूएशन में कमी आई है। इंडियन मार्केट्स में फिर से फॉरेन इनवेस्टर्स की दिलचस्पी दिख रही है।

सिप के रास्ते लगातार आ रहा बड़ा निवेश

मार्केट्स में उतारचढ़ाव का सिप से होने वाले निवेश पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है। रिटेल इनवेस्टर्स सिप के रास्ते म्यूचुअल फंडों की इक्विटी स्कीम में निवेश कर रहे हैं। यह पैसा शेयर मार्केट्स में आ रहा है। इससे फॉरेन इनवेस्टर्स पर इंडियन मार्केट्स की निर्भरता घटी है। INVasset PMS के रिसर्च एनालिस्ट कल्प जैन ने कहा कि डोमेस्टिक लिक्विडिटी ने इंडियन मार्केट्स को बड़ा सहारा दिया है।

यह भी पढ़ें: Banking Reform : बडे़ बैंकिंग रिफॉर्म की तैयारी में सरकार, सरकारी बैंकों में FDI की सीमा 49% करने पर विचार

इंडियन इकोनॉमी की सेहत काफी अच्छी

इंडियन इकोनॉमी की अच्छी सेहत का पॉजिटिव असर मार्केट्स पर भी पड़ा है। अब मार्केट में हर गिरावट के मौके का इस्तेमाल इनवेस्टर्स खरीदारी के लिए कर रहे हैं। जैन ने कहा कि इंडिया में इनफ्लेशन में काफी नीचे आ चुका है। फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व अच्छा है। मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी की ग्रोथ बढ़ी है। कंजम्प्शन बढ़ने के संकेत हैं। यह तब है जब दुनिया की दूसरी इकोनॉमी पर इनफ्लेशन सहित दूसरे दबाव दिख रहे हैं।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।