वीजा और पासपोर्ट आउटसोर्सिंग कंपनी BLS International Services Ltd को दिल्ली हाई कोर्ट से एक राहत मिली है। कोर्ट ने विदेश मंत्रालय (MEA) के उस आदेश को पलट दिया है, जिसमें कंपनी को मंत्रालय और विदेश में इंडियन मिशन के भविष्य के टेंडर्स में हिस्सा लेने से दो साल के लिए रोक दिया गया था। इस पॉजिटिव न्यूज से BLS इंटरनेशनल सर्विसेज के शेयर 19 दिसंबर को दिन में BSE पर 7.4 प्रतिशत तक चढ़कर 340 रुपये के हाई तक चले गए। बाद में शेयर 2 प्रतिशत बढ़त के साथ 323.05 रुपये पर सेटल हुआ।
कंपनी ने एक दिन पहले शेयर बाजारों को बताया था उसने MEA के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में एक रिट पिटीशन डालकर चुनौती दी थी। अब हाई कोर्ट ने MEA के फैसले को पलट दिया है। इसलिए अब मंत्रालय की ओर से कंपनी पर लगाई गई 2 साल की रोक रद्द हो गई है।
इससे पहले 11 अक्टूबर 2025 को एक एक्सचेंज फाइलिंग में BLS इंटरनेशनल सर्विसेज ने निवेशकों को बताया MEA के आदेश के बारे में बताया था। MEA ने कोर्ट केसेज, पासपोर्ट आवेदकों की शिकायतों सहित कई आरोपों के कारण रोक का आदेश जारी किया था। BLS इंटरनेशनल ने कहा था कि वह इस आदेश का रिव्यू करेगी और कानूनी रास्ता अपनाकर हल निकालने की कोशिश करेगी।
BLS International Services शेयर एक साल में 34 प्रतिशत कमजोर
कंपनी का मार्केट कैप 13300 करोड़ रुपये है। शेयर की फेस वैल्यू 1 रुपये है। शेयर एक साल में 34 प्रतिशत नीचे आया है। कंपनी में सितंबर 2025 के आखिर तक प्रमोटर्स के पास 70.39 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। सितंबर 2025 तिमाही में BLS International Services का स्टैंडअलोन रेवेन्यू 46 करोड़ रुपये और शुद्ध मुनाफा 4.90 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2025 में रेवेन्यू 138.49 करोड़ रुपये और शुद्ध मुनाफा 21.97 करोड़ रुपये दर्ज किया गया।
BLS इंटरनेशनल सर्विसेज सरकारों के लिए आउटसोर्सिंग सेवाएं मुहैया करती है। कंपनी वीजा, पासपोर्ट और कॉन्सुलर सर्विसेज में विशेषज्ञता रखती है और दुनिया भर की कई सरकारों और दूतावासों की साझेदार है।
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