NHPC share Price : विदेशी ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने सरकारी रिन्यूएबल ऊर्जा कंपनी एनएचपीसी (NHPC) पर अपनी 'उच्च विश्वास आउटपरफॉर्म' रेटिंग बरकरार रखी है। ये अप्रैल की शुरुआत में हिमाचल प्रदेश में पार्वती-II जलविद्युत परियोजना के चालू होने की संभावना पर उत्साहित है। वर्तमान में, परियोजना की 50 प्रतिशत क्षमता 12 घंटे के लिए 110 प्रतिशत लोड पर हासिल की गई है। शेष क्षमता मार्च के अंत तक तैयार होने की उम्मीद है। इस परियोजना को शुरू में सात वर्षों में पूरा करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन इसकी जटिलता के कारण इसमें 25 साल लग गए।
सीएलएसए ने कहा कि एक बार चालू होने के बाद, पार्वती-II एनएचपीसी की क्षमता में 11.5 प्रतिशत की वृद्धि करेगी। वित्त वर्ष 26 तक रेगुलेटेड इक्विटी को बढ़ावा देगी।
ब्रोकरेज ने इस पर 117 रुपये प्रति शेयर का अपना लक्ष्य मूल्य बनाए रखा। ये लक्ष्य मूल्य मौजूदा स्तरों से 44 प्रतिशत की बढ़त दर्शाता है।
सीएलएसए ने NHPC पर दी 'हाई-कन्फेक्शन आउटपरफॉर्म' रेटिंग
सस्ते वैल्यूएशन के बीच सीएलएसए ने NHPC पर अपनी रेटिंग फरवरी 2025 में 'आउटपरफॉर्म' से बढ़ाकर 'हाई-कन्फेक्शन आउटपरफॉर्म' कर दी थी।
पिछले छह महीनों में एनएचपीसी के शेयरों में 25 प्रतिशत की गिरावट ने निवेशकों को कम खर्च के साथ इसमें निवेश करने का मौका दिया है। हांगकांग स्थित ब्रोकरेज के अनुसार, एनएचपीसी के शेयर की कीमत अगले चार वर्षों में दोगुनी हो सकती है।
इसके अलावा, पार्वती 2 हाइड्रो परियोजना की शुरुआत से लेवल ऑफ ग्रोथ देखने को मिल सकते हैं। इससे Q1FY25 में रेगुलेटेड इक्विटी में 27 प्रतिशत की वृद्धि होगी। इसके साथ ही फर्म का कम अवधि के रेगुलेटेड पंप स्टोरेज में प्रवेश होगा।
अरुणाचल प्रदेश की परियोजना 2026 में होगी आरंभ
एनएचपीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राज कुमार चौधरी ने मनीकंट्रोल को दिए एक विशेष साक्षात्कार में बताया कि एनएचपीसी वित्त वर्ष 26 के अंत तक 2,170 मेगावाट (MW) की कुल क्षमता वाली हाइड्रो परियोजनाओं को चालू करेगी।
उन्होंने आगे कहा, इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश में काफी विलंब से चल रही 2,000 मेगावाट की सुबनसिरी जलविद्युत परियोजना भी वित्त वर्ष 26 में चालू हो जाएगी।
एनएचपीसी की वर्तमान में कुल ऑपरेशन क्षमता 7,233 मेगावाट है। इसमें से 6,571 मेगावाट जलविद्युत और शेष 662 मेगावाट रिन्यूएबनल ऊर्जा है। 9,314 मेगावाट की अन्य जलविद्युत परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। कम से कम 4,000 मेगावाट की जलविद्युत परियोजनाएं मंजूरी के विभिन्न चरणों में हैं और लगभग 5,500 मेगावाट सर्वेक्षण चरण में हैं।
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