अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में 75 बीपीएस की बढ़ोतरी की गई। फेड के चेयरपर्सन जेरोम पॉवेल (Jerome Powell) द्वारा मंदी की बात को खारिज करने के बाद मजबूत ग्लोबल संकेत दिखाई दिये। इन ग्लोबल रुझानों पर भारतीय इक्विटी बेंचमार्क ने 28 जुलाई को सुबह के कारोबार में दमदार प्रदर्शन किया।
सुबह 11.07 बजे के दौरान सेंसेक्स 833.97 अंक या 1.49 प्रतिशत बढ़कर 56,650.29 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी 229.80 अंक या 1.38 प्रतिशत बढ़कर 16,871.60 पर कारोबार कर रहा था।
आईटी, फाइनेंस, मेटल और रियल्टी सेक्टर में अच्छी तेजी नजर आई। इसके चलते सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। जिसमें प्रत्येक में 1-2 प्रतिशत की वृद्धि नजर आई। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स 0.5-1 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली।
इन 4 फैक्टर्स की वजह से आज बाजार में दिखी तेजी
अमेरिकी इक्विटी में तेज वृद्धि देखने को मिली। डॉलर में कमजोरी नजर आई। फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की। इसके बाद Dow Jones में 436.05 अंकों की तेजी, S&P 500 में 102.56 अंक और Nasdaq Composite में 469.85 अंकों की तेजी नजर आई।
अमेरिकी बाजारों के साथ ही एशियाई बाजारों में भी तेजी देखने को मिली जिसका पॉजिटिव असर भारतीय बाजारों पर नजर आया।
2. यूएस फेड ने 100 बीपीएस के मुकाबले रेट में 75 बीपीएस की बढ़ोतरी की
यूएस फेडरल रिजर्व ने 27 जुलाई को 75 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की। जबकि 100 बीपीएस की वृद्धि किये जाने की उम्मीद थी। अमेरिकी सेंट्रल बैंक ने भविष्य में ब्याज दर गाइडेंस 3 प्रतिशत से 3.5 प्रतिशत रहने का संकेत दिया। एनालिस्ट्स ने कहा कि फेड ने अपनी कमेंट्री के जरिये बाजार को यह विश्वास दिलाया है कि ब्याज दर में यह वृद्धि लंबे समय तक नहीं रह सकती। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर इक्विटी पर इसका पॉजिटिव प्रभाव पड़ सकता है।
3. भारतीय बाजारों में FIIs ने फिर से की वापसी
एनालिस्ट्स का मानना है कि इस साल अब तक FIIs द्वारा लगभग 28.70 अरब डॉलर मूल्य के भारतीय शेयर बेचने के कारण भारतीय बाजार ओवरसोल्ड नजर आये। जुलाई में एफआईआई की बिकवाली की रफ्तार कम हुई। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने जून में 6.34 अरब डॉलर से अधिक के शेयर बेचे थे। जबकि इस महीने FIIs ने सिर्फ14.6 करोड़ डॉलर मूल्य के स्टॉक्स बेचे हैं।
4. डॉलर के भाव गिरे और रुपया चढ़ा
आज 28 जुलाई को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 14 पैसे बढ़कर 79.77 पर पहुंच गया। वहीं 27 जुलाई को रुपया 13 पैसे कमजोर होकर डॉलर के मुकाबले 79.91 रुपये पर बंद हुआ था।
Geojit Financial Services के वीके विजयकुमार ने बाजार पर टेक्निकल नजरिया बताते हुए कहा कि अमेरिकी फेड के चीफ का आत्मविश्वास है कि अमेरिका में मंदी के बादल नहीं मंडरा रहे हैं। बेरोजगारी 50 सालों में सबसे कम है। नई नौकरियों के लिए वेकेंसी ऐतिहासिक रूप से चरम पर होने की वजह से अमेरिकी अर्थव्यवस्था के बारे में उनके आत्मविश्वास को बल मिल रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि घरेलू बाजार में जुलाई की रैली में जून के निचले स्तर से निफ्टी में लगभग 1,500 अंक की बढ़त देखी गई है। ये शार्ट टर्म के लिए बरकरार रहेगी। नैस्डैक रैली और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में निरंतर मजबूती के संकेत मिल रहे हैं। इसलिए हालिया करेक्शन के बाद आईटी शेयरों में तेजी आ सकती है। फाइनेंशियल स्टॉक्स भी एक्शन में रह सकते हैं।
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