Trump Tariff : ट्रंप के टैरिफ बम शेयर बाजार में हड़कंप मच गया है। कुछ सेक्टर में दिवाली नजर आ रही तो कुछ सेक्टर्स को दिवाला निकलता नजर आया है। वहीं भारत के संदर्भ में देखें तो ट्रंप ने दूसरे एशियाई देशों के मुकाबले भारत को अहमियत दी है। ट्रंप ने भारत के मुकाबले चीन पर ज्यादा टैरिफ लगाया है। इस लिहाजा से माना जा रहा है कि चीन के मुकाबले ट्रंप ने भारत पर टैरिफ को लेकर नरम रुख अपनाया है। विदेशी ब्रोकरेज फर्म MORGAN STANLEY का कहना है कि चीन पर ज्यादा टैरिफ लगने का भारत को इसका फायदा मिल सकता है। फार्मा, IT को टैरिफ से छूट मिलना दोनों सेक्टर के लिए अच्छा साबित हो सकता है।
ट्रंप टैरिफ का भारत के किस सेक्टर पर कितना असर होगा और ब्रोकरेज कंपनियों की इसपर क्या राय पर इस पर अधिक जानकारी देते हुए हमारे सहयोगी चैनल सीएनबीसी-आवाज़ के यतिन मोता ने कहा कि चीन के मुकाबले भारत पर कम टैरिफ देखने को मिला है। विदेश में बनने वाली सभी ऑटोमोबाइल्स पर 25% टैरिफ लगाया गया है। वियतनाम और चीन के मुकाबले भारत पर अब भी कम टैरिफ है।
फार्मा, सेमीकंडक्टर्स, कॉपर, स्टील और गोल्ड को बड़े पैमाने पर छूट प्रदान की गई है। भारत पर 26%, वियतनाम पर 46% और चीन पर 34%+20% टैरिफ लगाया गया है।
ट्रंप टैरिफ का सेक्टर पर असर
मॉर्गन स्टैनली ने कहा कि शुरुआती छूट जारी रहने से फार्मा, IT पर न्यूट्रल असर दिख सकता है। अमेरिका से ज्यादा रेवेन्यू लेने वाले फार्मा कंपनियों पर ज्यादा असर हो सकता है। अमेरिका से रेवेन्यू लेने वाली कंपनियों में अरुबिंदो फार्मा का 48% रेवन्यू वहां से आता है। जायडस लाइफ 47% और डॉ. रेड्डीज 46% रेवन्यू अमेरिका से आता है।
टेक्सटाइल सेक्टर पर NEUTRAL असर
यतिन ने आगे कहा कि मॉर्गन स्टैनली का मानना है कि भारत के टेक्साटाइल सेक्टर इसका न्यूट्रल असर होगा जबकि पाकिस्तान और बांग्लादेश के टेक्सटाइल सेक्टर पर ज्यादा असर हो सकता है। जेम्स और ज्वेलरी सेक्टर पर ज्यादा असर होगा। ऑटो सेक्टर पर भी ज्यादा असर हो सकता है। इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर पर कम असर दिखाई देगा। जबकि कोरिया, वियतनाम इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर पर ज्यादा असर हो सकता है।
मॉर्गन स्टेनली ने टैरिफ के लिहाज से भारत के शेयर बाजारों को प्राथमिकता दी है। जबकि ताइवान, जापान और दक्षिण कोरिया के शेयरों बाजारों को लेकर सतर्क नजरिया अपनाया है।
टैरिफ पर BERNSTEIN का अनुमान
ब्रोकरेज फर्म बर्नस्टीन का कहना है कि भारत पर भारी टैरिफ ज्यादा समय तक नहीं टिकेगा। उन्होंने कहा कि 2025 की दूसरी छमाही से दरें घटने की संभावना है। वहीं IT और फार्मा पर इसका असर नहीं होगा। इसके अलावा इसको लेकर ट्रेड वॉर के बढ़ने की संभावना नहीं है।
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