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एक महीने में ₹1. 4 लाख करोड़ स्वाहा, इन वजहों से BSE और NSE के निवेशकों को करारा झटका

अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट (Jane Street) पर सेबी की कार्रवाई ने बीएसई और एनएसई को झटका तो दिया ही है लेकिन कुछ और वजहों से इन पर दबाव है। इस दबाव में एक महीने में बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) के निवेशकों के करीब ₹1.4 लाख करोड़ डूब गए। जानिए बिकवाली का दबाव क्यों है और आने वाले समय में क्या रुझान है?

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Jul 14, 2025 पर 2:16 PM
एक महीने में ₹1. 4 लाख करोड़ स्वाहा, इन वजहों से BSE और NSE के निवेशकों को करारा झटका
एक महीने में बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) के निवेशकों के करीब ₹1.4 लाख करोड़ डूब गए।

एक महीने में बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) के निवेशकों के करीब ₹1.4 लाख करोड़ डूब गए। इस गिरावट की एक बड़ी वजह तो जेन स्ट्रीट स्कैंडल (Jane Street Scandal) है ही, लेकिन साथ ही डेरिवेटिव्स सेगमेंट पर मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की सख्ती, टर्नओवर में गिरावट और एनालिस्ट्स के डाउनग्रेड भी हैं। बीएसई के शेयर जून महीने के हाई लेवल से करीब 22% टूटकर अब बेयर जोन में आ चुका है तो एनएसई के शेयर भी 18% टूट चुके हैं और बेयर जोन के करीब आ गया। बता दें कि बीएसई के शेयर एनएसई पर लिस्टेड हैं तो एनएसई के शेयरों की ट्रेडिंग अनलिस्टेड मार्केट में ही अभी होती है लेकिन इसके भी लिस्टिंग की तैयारी चल रही है।

Jane Street पर SEBI की कार्रवाई ने दिया करारा शॉक

बीएसई और एनएसई के शेयरों पर पहले से ही सेबी की सख्ती और ब्रोकरेजेज फर्मों के डाउनग्रेड के चलते दबाव था लेकिन जेन स्ट्रीट पर सेबी की कार्रवाई ने गिरावट तेज कर दी। सेबी ने 3 जुलाई को अंतरिम आदेश में अमेरिका की क्वांट ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट पर भारतीय मार्केट में एंट्री पर बैन लगा दिया था और इसके ₹4840 करोड़ के एसेट्स फ्रीज कर दिए। सेबी ने जेन स्ट्रीट पर बैंक निफ्टी में बड़े पैमाने पर मैनिपुलेशन का आरोप लगाया। इसके चलते डेरिवेटिव्स मार्केट को करारा झटका लगा और ब्रोकरेजेज फर्म एक्सचेंज स्टॉक्स पर बेयरेश हो गए। इसके चलते बीएसई के शेयर 10 जून के ₹3,030 भाव से टूटकर अब ₹2,376 पर आ गए और निवेशकों के ₹26,600 करोड़ साफ हो गए। एनएसई की बात करें तो WWIPL के आंकड़ों के मुताबिक इसके शेयर 21 जून को ₹2590 पर थे जोकि अब ₹2125 पर आ गया और एनएसई का मार्केट कैप ₹1.15 लाख करोड़ गिर गया।

ब्रोकरेजेज ने क्यों घटाई रेटिंग?

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