जेन स्ट्रीट फिर से इंडियन मार्केट्स में ट्रेडिंग शुरू करने जा रही है। अमेरिकी ब्रोकरेज फर्म ने सेबी के निर्देश के मुताबिक, एस्क्रो अकाउंट में 4,843.5 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं। सेबी ने 3 जुलाई को जेन स्ट्रीट के खिलाफ अंतरिम आदेश इश्यू किया था। इसमें ब्रोकरेज फर्म को यह पैसा जमा करने को कहा गया था। जेन स्ट्रीट पर इंडियन स्टॉक मार्केट्स में मैनिपुलेशन करने का आरोप है। ऐसा लगता है कि वह भले ही फिर से इंडियन मार्केट्स में ट्रेडिंग कर सकेगी लेकिन, उसके खिलाफ की जांच जारी रहेगी।
जेन स्ट्रीट पर रोक सिर्फ 10-11 दिन के लिए
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, "SEBI के आदेश के अनुसार, जेन स्ट्रीटन ने 11 जुलाई को एस्क्रो अकाउंट में 4,843.5 करोड़ रुपये जमा कर दिए।" मामले की जानकारी रखने वाले एक दूसरे व्यक्ति ने कहा कि एस्क्रो अकाउंट में पैसे जमा हो जाने और सेबी के ऑर्डर की शर्तें पूरी हने के बाद Jane Street फिर से इंडियन मार्केट्स में ट्रेडिंग शुरू कर सकेगी। इसका मतलब है कि जेन स्ट्रीट पर लगी रोक सिर्फ 10-11 दिन के लिए थी।
3 जुलाई का सेबी का अंतरिम आदेश
सेबी ने अपने अंतरिम आदेश में कहा था कि जेन स्ट्रीट ग्रुप की कंपनियों को कथित रूप से की गई गैरकानूनी कमाई के पैसे बैंक में एस्क्रो अकाउंट में जमा करने होंगे। ऑर्डर में यह भी कहा गया था कि जेन स्ट्रीट ग्रुप को सिक्योरिटीज मार्केट को एक्सेस करने से रोक दिया गया है। इसका मतलब है कि वह सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से सिक्योरिटीज को खरीद और बेच नहीं पाएगी और न ही किसी तरह की डीलिंग कर सकेगी। सेबी के आदेश में बैंकों, कस्टोडियंस, डिपॉजिटरीज, रजिस्ट्रार को एसेट्स में किसी तरह के मूवमेंट से जेन स्ट्रीट को रोकने का निर्देश दिया गया था।
मैनिपुलेटिव ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल
रेगुलेटर के आदेश में यह कहा गया था कि एस्क्रो अकाउंट में पैसे जमा करने के बाद जेन स्ट्रीट पर लगे प्रतिबंध खत्म हो जाएंगे। हालांकि, सेबी के आदेश में जेन स्ट्रीट ग्रुप पर यह साफ तौर पर कहा गया था कि उसे खुद को सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से ऐसे फ्रॉडुलेंट, मैनिपुलेटिव या अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज से दूर रखना होगा, जिनसे नियमों का उल्लंघन हो सकता है। इसमें सिक्योरिटीज में ट्रेडिंग के ऐसे पैटर्न का इस्तेमाल भी शामिल है जिनकी इस ऑर्डर में पहचान की गई है या जिक्र किया गया है।
रिटेल इनवेस्टर्स के मन में कई सवाल
जेन स्ट्रीट के सेबी की शर्तें पूरी कर देने के बाद यह स्पष्ट नहीं है कि वह तुरंत इंडियन मार्केट्स में ट्रेडिंग के लिए लौट आएगी? वह इंडियन मार्केट्स में ट्रेडिंग में अब ज्यादा सावधानी बरतेगी? वह दोबारा अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल करने में मार्केट सेंटीमेंट्स और रेगुलेटर के संकेतों को ध्यान में रखेगी?
एक्सचेंजों को जेन स्ट्रीट की एक्टिविटी पर नजर रखने की सलाह
सेबी ने अपने आदेश में कहा था कि एक्सचेंजों को जेन स्ट्रीट की फ्यूचर डीलिंग पर करीबी नजर रखना चाहिए। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह किसी तरह का मैनिपुलेशन नहीं कर पाए। इस बारे में सेबी और जेन स्ट्रीट को भेजे गए ईमेल के जवाब नहीं मिले। सेबी ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि अंतरिम आदेश में जो आरोप लगाए गए हैं, अगर उनके बारे में जेन स्ट्रीट कोई न्यायसंगत कारण बताती है तो उस पर लगे प्रतिबंध को हटाया जा सकता है।
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एस्क्रो अकाउंट में जमा पैसा जेन स्ट्रीट को वापस मिल सकता है
सेबी की व्यापक जांच में आगे अगर यह पाया जाता है कि किसी तरह का मैनिपुलेशन नहीं किया गया तो जो पैसा जेन स्ट्रीट ने डिपॉजिट किया है, उसे वापस कर दिया जाएगा। उसके बाद जेन स्ट्रीट बगैर किसी रोकटोक के इंडियन मार्केट्स में ट्रेडिंग करने को आजाद होगी।