भारतीय शेयर बाजार सोमवार 26 सितंबर को लगातार चौथे दिन भारी गिरावट के साथ बंद हुए। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) करीब 950 अंक गिरकर बंद हुआ। इस गिरावट के साथ ही शेयर बाजार के निवेशकों (Investors Wealth) के आज करीब 6.5 लाख करोड़ रुपये डूब गए। एक्सपर्ट्स की मानें तो, बाजार में गिरावट की मुख्य वजह कई देशों के केंद्रीय बैंकों की तरफ से ब्याज दरों में आक्रामक बढ़ोतरी और ग्लोबल बाजारों में मंदी की बढ़ती आशंका रही।
सोमवार को कारोबार खत्म होने के समय, BSE में लिस्टेड कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू घट कर 2,70,11,460.11 करोड़ रुपये रह गई। जबकि शुक्रवार 23 सितंबर को कारोबार खत्म होते समय इन कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू 2,76,64,566.79 करोड़ रुपये थी। इस तरह सोमवार को कारोबार में इन कंपनियों की कुल मार्केट वैल्यू करीब 6.53 लाख करोड़ रुपये घट गई।
BSE सेंसेक्स आज 953.70 अंक यानी 1.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,145.22 अंक पर बंद हुआ। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी (Nifty) भी 311.05 अंक यानी 1.80 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,016.30 अंक पर बंद हुआ।
इन शेयरों में सबसे उतार-चढ़ाव
सेंसेक्स के शेयरों में आज मारुति सुजुकी में सबसे अधिक 5.49 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके अलावा टाटा स्टील (Tata Steel), आईटीसी (ITC), एक्सिस बैंक (Axis Bank), एनटीपीसी (NTPC), बजाज फाइनेंस (Baja Finance) और इंडसइंड बैंक (Indusind Bank) के शेयरों में भी अच्छी गिरावट देखी गई। दूसरी तरफ HCL टेक्नोलॉजीज, इंफोसिस (Infosys), एशियन पेंट्स (Asian Pants), टीसीएस (TCS), अल्ट्राटेक सीमेंट (Ultratech Cement), विप्रो (Wipro) और नेस्ले (Nestle) के शेयर लाभ के साथ बंद हुए।
HDFC सिक्योरिटीज में रिटेल रिसर्च के हेड दीपक जसानी ने बताया, "कमजोर ग्लोबल संकेतों और रुपये में लगातार गिरावट के कारण निफ्टी लगातार चौथे कारोबारी सेशन में नुकसान में रहा।" उन्होंने कहा, ‘‘महंगाई के ऊंचे स्तर पर बने रहने और ग्लोबल मंदी की आशंका लगातार बढ़ने के कारण इक्विटी समेत जोखिम वाली संपत्तियों में ग्लोबल लेवल पर सोमवार को बड़ी बिकवाली दर्ज की गई।"
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड, विनोद नायर ने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेड रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में आक्रामक बढ़ोतरी किए जाने से अमेरिकी डॉलर में मजबूत आई है। साथ ही धीमी आर्थिक ग्रोथ और निवेशकों की सतर्कता ने ग्लोबल शेयर बाजारों में उथल-पुथल पैदा कर की है।
उन्होंने कहा, "इन सबके बीच रुपये में डॉलर के मुकाबले गिरावट, बांड यील्ड्स बढ़ने और एशिया के अन्य बाजारों में कमजोर रुख के चलते घरेलू बाजार नुकसान में रहे। केवल आईटी सेक्टर में थोड़ी तेजी देखी गई। इसका कारण यह उम्मीद है कि ग्लोबल मंदी की आशंका का ज्यादातर असर आईटी शेयरों की कीमत पहले ही आ चुका है।"