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BSE के शेयर के लिए जेफरीज ने घटाई रेटिंग, कीमत 5% लुढ़की

BSE Share Price: शेयर ने 14 अक्टूबर 2024 को 4,989.80 रुपये पर 52 सप्ताह का उच्च स्तर छुआ था। शेयर का 52 सप्ताह का निचला स्तर 1,465.05 रुपये है, जो 17 अक्टूबर 2023 को दर्ज किया गया। कुछ मार्केट पार्टिसिपेंट्स का मानना ​​है कि NSE द्वारा वीकली कॉन्ट्रैक्ट्स डिसकंटीन्यू किए जाने से कुछ ट्रेडिंग वॉल्यूम BSE में शिफ्ट हो सकता है और शेयर को सेंटीमेंटल बूस्ट मिल सकता है

अपडेटेड Oct 16, 2024 पर 4:24 PM
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पिछले एक महीने में BSE शेयर 38 प्रतिशत चढ़ा है।

BSE Stock Price: इंटरनेशनल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने स्टॉक एक्सचेंज BSE के शेयरों को 'होल्ड' से 'अंडरपरफॉर्म' में डाउनग्रेड कर दिया है। ब्रोकरेज का तर्क है कि निकट-अवधि के रिस्क-रिवॉर्ड के बीच का अंतर प्रतिकूल हो गया है। हालांकि जेफरीज ने BSE शेयर के लिए टारगेट प्राइस को 2,850 रुपये प्रति शेयर से बढ़ाकर 3,500 रुपये प्रति शेयर कर दिया है। यह 16 अक्टूबर को शेयर के बंद भाव से 22 प्रतिशत कम है।

16 अक्टूबर को BSE के शेयर लाल निशान में हैं। दिन में शेयर में पिछले बंद भाव से 7 प्रतिशत की गिरावट आई और कीमत 4419.90 रुपये के लो तक चली गई। कारोबार खत्म होने पर शेयर 5.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 4495 रुपये पर सेटल हुआ। बीएसई का मार्केट कैप अब 60,800 करोड़ रुपये से अधिक है। पिछले एक महीने में शेयर 31 प्रतिशत चढ़ा है। साल 2024 में अब तक कीमत 100 प्रतिशत से ज्यादा मजबूत हुई है।

बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई है वैल्यूएशन


BSE के शेयरों में हालिया तेजी बाजार हिस्सेदारी में बढ़ोतरी की उम्मीदों से प्रेरित है। सेबी के नए F&O फ्रेमवर्क के जारी होने के बाद से शेयर में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2026 के 40x पीई पर बीएसई की वैल्यूएशंस का मतलब है कि इसकी बाजार हिस्सेदारी जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही के 13 प्रतिशत से बढ़कर आगे चलकर 30-35 प्रतिशत हो जाएगी। हालांकि जेफरीज के अनुसार, वैल्यूएशन को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है और यह ओवरऑल मार्केट पर F&O फ्रेमवर्क के उच्च प्रभाव से पैदा होने वाले जोखिमों को समझने में विफल रहा है। ब्रोकरेज ने कहा कि निवेशक बड़े मार्केट-शेयर गेन्स की अपनी धारणा के साथ अति-आशावादी हो सकते हैं।

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कुछ मार्केट पार्टिसिपेंट्स का मानना ​​है कि NSE द्वारा वीकली कॉन्ट्रैक्ट्स डिसकंटीन्यू किए जाने से कुछ ट्रेडिंग वॉल्यूम BSE में शिफ्ट हो सकता है, जो शेयर की कीमत को सेंटीमेंटल बूस्ट देने वाला फैक्टर है। प्रतिद्वंद्वी NSE की ओर से जल्द ही आईपीओ की तैयारी की बढ़ती उम्मीदों ने भी BSE शेयरों को लेकर आशावाद को बढ़ा दिया है।

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