Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज एक फरवरी को बजट 2025 पेश किया। इस बीच स्टॉक मार्केट में में बैंकिंग स्टॉक्स में दबाव देखने को मिला। HDFC Bank, ICICI Bank, SBI, Bank of Baroda, PNB, Indian Bank और Bank of Maharashtra के शेयरों में आज दो फीसदी तक की गिरावट देखी गई। इस गिरावट की मुख्य वजह बढ़ती यील्ड (Yields) और इससे जुड़ी चिंताएं थीं।
बजट 2025 में सरकार ने FY26 के लिए ग्रॉस मार्केट बॉरोइंग को 5.7 फीसदी बढ़ाकर 14.8 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। यह उधारी सरकार को राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए चाहिए, जिसे FY26 के लिए 4.4 फीसदी तय किया गया है। यह FY25 के लिए तय 14.1 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य से अधिक है। इसका मतलब है कि सरकार को अपने खर्चों को पूरा करने के लिए बाजार से अधिक पैसा उधार लेना होगा। इस खबर के बाद बैंकिंग स्टॉक्स को लेकर सेंटीमेंट खराब हुआ है।
Budget 2025 पर एक्सपर्ट्स ने क्या कहा?
मिराए एसेट कैपिटल मार्केट्स के डायरेक्टर - इंस्टीट्यूशनल बिजनेस (इक्विटी और FI) मनीष जैन ने कहा कि बजट में बैंकिंग सेक्टर के लिए कोई अहम पॉजिटिव संकेत नहीं दिया गया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हायह ग्रॉस बॉरोइंग से बॉन्ड यील्ड बढ़ सकती है, जिसका असर बैंकों की ट्रेजरी इनकम पर पड़ेगा।
जब सरकार अधिक उधार लेती है, तो इससे गवर्नमेंट बॉन्ड की सप्लाई बढ़ जाती है, जिससे यील्ड में बढ़ोतरी होती है। बैंक अपने ट्रेजरी पोर्टफोलियो में इन बॉन्ड का एक अहम हिस्सा रखते हैं। वे बॉन्ड की कीमतों में गिरावट आने पर मार्क-टू-मार्केट (MTM) घाटे का सामना करते हैं, यानी उनके पोर्टफोलियो में रखे बॉन्ड की वैल्यू कम हो जाती है, जिससे उनकी आय पर नेगेटिव असर पड़ता है। इसके अलावा, बढ़ी हुई सरकारी उधारी बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी को कम कर सकती है, जिससे बैंकों के लिए धन जुटाना अधिक महंगा हो जाएगा।
इनकम टैक्स में मिडिल क्लास को राहत
बजट में सरकार ने टैक्स फ्री इनकम को 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख रुपये सालाना कर दिया गया है। इस ऐलान को मिडिल क्लास के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है। एनालिस्ट्स का मानना है कि लोगों के हाथ में ज़्यादा पैसे होने से वे ज़्यादा खर्च करेंगे और ज़्यादा बचत भी करेंगे। इससे रिटेल क्रेडिट ग्रोथ और बैंकों के लिए डिपॉजिट रेट में सुधार की उम्मीद है। कुछ एनालिस्ट्स ने डिपॉजिट से मिलने वाली इंटरेस्ट इनकम पर कम टैक्स लगाने का भी सुझाव दिया है। हालांकि, वित्त मंत्री ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की।
इसके अलावा, वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर (Capex) को ₹11.1 लाख करोड़ तय किया है, जो FY25 के Capex से 0.9% अधिक है। एनालिस्ट्स का मानना है कि कैपेक्स में वृद्धि से निवेश के अवसर बढ़ेंगे और इसके साथ ही बैंकों के लिए क्रेडिट डिमांड भी बढ़ेगी।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।