Textile stocks : केंद्र सरकार द्वारा 30 सितंबर तक कच्चे कॉटन पर 11 फीसदी आयात शुल्क हटा लेने के बाद 19 अगस्त को कॉटन से संबंधित कंपनियों जैसे वर्धमान टेक्सटाइल्स, गोकलदास एक्सपोर्ट्स, अंबिका कॉटन मिल्स और वेलस्पन लिविंग के शेयरों में 1 से 8 फीसदी तक की तेजी आई है। वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के माध्यम से एक अधिसूचना जारी कर कपास आयात पर बेसिक कस्टम ड्यूटी और एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस दोनों को हटा दिया है। इस निर्णय से कपड़ा और परिधान उद्योग को कुछ राहत मिलेगी,जो ट्रंप के टैरिफ संबंधी दबाओं के बीच चुनौतियों का सामना कर रहा है।
टैक्स छूट से पूरे टेक्सटाइल सेक्टर को फायदा मिलने की उम्मीद
यह कदम दोनों देशों के बीच महीनों से चल रही बातचीत के बाद सामने आया है। द्विपक्षीय व्यापार वार्ता के दौरान भारत कृषि और डेयरी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों पर अपने रुख पर मजबूती से कायम है। कॉटन शुल्क में ढील देकर, नई दिल्ली अपनी मूल रुझान को छोड़े बिना कुछ लचीलेपन का संकेत दे रहा है। सरकार का यह कदम अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए 50 फीसदी के भारी टैरिफ के दबाव को कम करने के उठाया गया है। इसके लागू होने की तिथि 27 अगस्त है। इस छूट से यार्न, फैब्रिक, अपेरल और मेड-अप सहित पूरे टेक्सटाइल सेक्टर को फायदा मिलने की उम्मीद है।
इस बीच, अमेरिकी 25 अगस्त को छठे दौर की व्यापार वार्ता के लिए नई दिल्ली आने वाली अमेरिकी ट्रेड टीम ने अपनी यात्रा रद्द कर दी है। अभी तक किसी नई तारीख की घोषणा नहीं की गई है। सरकार यह कदम भारत की घरेलू आपूर्ति संबंधी चिंताओं से निपटने के लिए भी उठाया है। घरेलू बाजार में कपास की उपलब्धता कम हो गई है और इंडस्ट्री एसोसिएशन बार-बार धागे की ऊंची कीमतों और टेक्सटाइल इंडस्ट्री में बढ़ती लागत के जोखिम के बारे में चेतावनी दे रहे हैं। शुल्क-मुक्त आयात की अनुमति देकर, सरकार का लक्ष्य त्योहारों के मौसम से पहले कच्चे माल की लागत कम करना है। आमतौर पर इस मौसम में कपड़ों की मांग बढ़ती है।
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