दुनिया में ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है। पिछले हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बाद अब चीन के सेंट्रल बैंक ने भी दरों में कटौती का एलान कर दिया है। इसके बाद अब सभी की नजर रिजर्व बैंक पर टिक गई हैं। क्या भारत में भी दरें काटने का समय आ गया है। इसको समझाते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के वरिष्ठ सहयोगी नीरज वाजपेयी ने बताया कि चीन के सेंट्रल बैंक PBOC का बड़ा एलान सामने आया है। इसने इस साल RRR (Reserve Requirement Ratio) में 0.5 फीसदी कटौती के संकेत दिये हैं। 0.5 फीसदी कटौती से सिस्टम में 1 ट्रिलियन युआन आएंगे।
चीन की इस घोषणा के बाद, आज सुबह से ही एशियाई बाजारों में तेजी देखी जा रही है। इससे पहले, बैंक ऑफ कनाडा जुलाई और अगस्त में दो बार ब्याज दरों में कटौती कर चुका है, जबकि यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने भी दो बार ब्याज दरें घटाई हैं। पीपल्स बैंक ऑफ चाइना के गवर्नर Pan Gongsheng ने ब्याज दरों में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की घोषणा की है।
PBOC का कहना है कि चीन की इकोनॉमी कमजोर स्थिति में है। चीन के रियल एस्टेट में सेक्टर में डिफॉल्ट हो रहे हैं। US फेड ने भी दरें घटाई हैं। पिछले हफ्ते US फेड ने 0.5 फीसदी दरें घटाईं हैं। 4 साल बाद US में दरें घटने का सिलसिला शुरू हुआ है। दिसंबर तक 0.5 फीसदी दरें और घटने की उम्मीद है।
इस घोषणा के बाद चीन में गवर्नमेंट बॉन्ड की 10 साल की यील्ड 2 प्रतिशत के निचले स्तर पर आ गई है। चीन की इस नीति के बाद जापान के बाजार तेजी के साथ खुले, और इसका सीधा असर भारतीय बाजारों में भी देखने को मिल सकता है। इसके अलावा, चीन के इंडेक्स शंघाई कंपोजिट में भी उछाल दर्ज की जा रही है। हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स लगभग 2 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा है।
भारत में कर्ज होगा सस्ता?
नीरज का कहना है कि भारत में ब्याज दरें घटने की उम्मीद कम है। भारत में खाने-पीने की महंगाई काफी ज्यादा है। RBI गवर्नर अभी और डाटा देखकर ही कोई फैसला लेंगे।