अगर जापान की करेंसी Yen (येन) 137-138 के लेवल के नीचे चली जाती है तो Nifty 50 में गिरावट आ सकती है। विदेशी ब्रोकरेज फर्म CLSA के एनालिस्ट Laurence Balanco ने यह अनुमान जताया है। उन्होंने कहा कि येन के स्ट्रेंथ का असर दुनियाभर में रिस्क एसेट्स (शेयर) पर पड़ेगा। उन्होंने CNBC-TV18 के साथ बातचीत में यें बातें कहीं। 28 जुलाई को भारतीय समय के मुताबिक दोपहर 2:30 बजे डॉलर के मुकाबले येन 139.45 लेवल पर था। Nifty 50 19,598 पर था। ब्लेंको का मानना है कि येन के सपोर्ट लेवल से नीचे जाते ही निफ्टी में करेक्शन शुरू हो जाएगा।
येन में मजबूती का असर दुनियाभर में शेयरों पर दिखा
उन्होंने कहा, "जैसा कि आपने बीती रात रिएक्शन देखा है। येन में मजबूती आने पर दुनियाभर में शेयरों में बिकवाली हो रही है। इसलिए अगर एडजस्टमेंट होता है और येन में और मजबूती आती है तो हमें निफ्टी सहित सभी रिस्क एसेट्स में गिरावट देखने को मिल सकती है।" दुनियाभर में येन का इस्तेमाल रिस्क एसेट्स में कैरी ट्रेड के लिए होता है। ब्लैंको ने कहा कि यील्ड कर्व कंट्रोल में एडजस्टमेंट से जापान की करेंसी अपने प्रमुख सपोर्ट से नीचे चली जाएगी। उन्होंने कहा कि हमें येन और 137 से 138 के एरिया पर ध्यान रखना पड़ेगा।
बैंक ऑफ जापान ने बदला रुख
28 जुलाई को बैंक ऑफ जापान ने बॉन्ड यील्ड पर अपनी पकड़ी ढीली करने के प्लान का ऐलान किया। उसने कहा कि वह सरकारी बॉन्ड यील्ड के 10 साल के टारगेट को जीरो फीसदी के करीब रखेगा। BoI के गवर्नर काजुए उइदा ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 0.5 फीसदी की सीलिंग को सख्त सीमा की जगह रेफरेंस प्वाइंट में बदल दिया है। हालांकि, इस कदम के बाद येन में आई मजबूती खत्म हो गई है। इसमें डॉलर के मुकाबले कमजोरी दिखी है।
येन में शॉर्ट पॉजिशन महंगा पड़ेगा
CLSA के एनालिस्ट ने कहा कि प्राइस एक्शन को देखने पर चार्ट बताता है कि सटोरियों ने अब भी येन में शॉर्ट किया है, जो टोटल ओपन इंटरेस्ट का 40 फीसदी है। इसका मतलब यह है कि बड़ी संख्या में सटोरियों को दूसरे देशों की करेंसी के मुकाबले येन में गिरावट की उम्मीद है। ब्लैंको का मानना है कि अगर किसी तरह का एडजस्टमेंट होता है तो येन में शॉर्ट पॉजिशन का बड़ा रिस्क देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि यह ऐसा स्पेस है जिस पर आपको नजर रखने की जरूरत है।"