जानी-मानी ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म CLSA की एक रिपोर्ट से शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों के वापसी की उम्मीदें बढ़ गई हैं। CLSA ने चीन के मुकाबले भारत के शेयर बाजार को अच्छा बताया है। ब्रोकरेज फर्म ने गुरुवार 13 फरवरी को जारी एक रिपोर्ट में ऐलान किया कि उसने चीन के शेयर बाजार में रणनीतिक आवंटन की अपने पहले के सलाह को वापस ले लिया है और भारत पर 20% ओवरवेट के रुख अपना लिया है। CLSA का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप के नए कार्यकाल में ग्लोबल ट्रेड वार तेज हो सकता है, जो चीन की इकोनॉमी पर नेगेटिव असर डाल सकता है।
चीन के लिए तिहरी चुनौतियां
CLSA ने "झपट्टा मारता बाघ, झूठ बोलता ड्रैगन (Pouncing Tiger, Prevaricating Dragon)" नाम से जारी अपनी नई रिपोर्ट में कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था के लिए तीन बड़ी समस्याएं बनी हुई हैं।
2. सरकार के सीमित प्रोत्साहन उपाय: चीन की सरकार ने अपनी अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए हाल में कई प्रोत्साहन योजनाओं का ऐलान किया। लेकिन इन योजनाओं का फोकस सिर्फ जोखिम कम करने पर है और इसमें आर्थिक ग्रोथ को रफ्तार को दोबारा तेज करने की पर्याप्त क्षमता नहीं दिखाई दे रही है।
3. ब्याज दरों का असर: अमेरिका में बढ़ती ब्याज दरें और महंगाई की संभावनाएं फेडरल रिजर्व और इसके साथ पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (PBOC) को भी ब्याज दरें कम करने से रोक सकती हैं, जिससे चीन के लिए आर्थिक सुधार मुश्किल हो सकता है।
CLSA ने चिंता जताई कि इन कारणों के चलते चीन में विदेशी निवेशकों की रुचि कम हो सकती है। खासतौर से उन निवेशकों की रूचि घट सकती है, जिन्होंने सितंबर 2024 में चीन के पहले इनसेंटिव उपायों के ऐलान के बाद वहां निवेश किया था।
चीन के पहले प्रोत्साहन उपायों के बाद चीन में निवेश किया था। इसी वजह से CLSA ने अपने अक्टूबर 2024 के रणनीतिक आवंटन के फैसले को पलटते हुए चीन निवेश घटाने और भारत पर फिर से फोकस करने की सलाह दी है।
CLSA ने कहा कि भारत को ट्रंप की व्यापार नीतियों से कोई विशेष खतरा नहीं है, जिससे यह सभी इमर्जिंग मार्केट्स में सबसे मजबूत स्थिति में बना हुआ है। CLSA के मुताबिक, भारत उन देशों में शामिल है जो ट्रंप की टैरिफ नीतियों से सबसे कम प्रभावित होंगे। इसके अलावा भारत में घरेलू निवेशकों की ओर सेखरीदारी मजबूत बनी हुई है, जो विदेशी निवेशकों की बिकवाली के असर को संतुलित कर रहा है।
CLSA ने यह भी कहा कि पिछले कुछ महीनों में विदेशी निवेशकों ने भारत में भारी बिकवाली की है, लेकिन 2025 की शुरुआत से ही कई विदेशी निवेशक नए निवेश अवसरों की तलाश में हैं। CLSA ने बताया कि शुरुआत में उसने चीन के स्टॉक्स में आई तेजी को एक अस्थायी उछाल माना था और इसे लंबी अवधि के निवेश के बजाय शॉर्ट-टर्म निवेश की रणनीति अपनाई थी। हालांकि, अक्टूबर 2024 में CLSA ने भारत से चीन में निवेश को शिफ्ट करने की सलाह था, लेकिन अब उसने इसे वापस पलट दिया है।
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