Defence Stocks: भारतीय डिफेंस कंपनियों के शेयरों में आज 17 सितंबर को लगातार चौथे दिन ताबड़तोड़ तेजी देखने को मिली। कोचीन शिपयार्ड (Cochin Shipyard) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) के शेयर काराबोर के दौरान 8% तक चढ़ गए। इस उछाल के पीछे राफेल लड़ाकू विमानों को लेकर नई डील की चर्चाओं और डिफेंस सेक्टर की फ्यूचर संभावनओं पर बढ़ते भरोसे को मुख्य वजह माना जा रहा है।
निफ्टी डिफेंस इंडेक्स आज कारोबार के दौरान 2.6% तक उछल गया। कारोबार के दौरान कोचीन शिपयार्ड के शेयर 5.6% बढ़कर 1,923.85 रुपये के स्तर पर पहुंच गए। पिछले 6 दिनों से यह शेयर लगातार हरे निशान में बना हुआ है। इस दौरान इसमें करीब 18% का उछाल आ चुका है। वहीं, GRSE के शेयर 7.6% उछलकर 2,624.85 रुपये के स्तर पर कारोबार कर रहे।
इसके अलावा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL), हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL), मझगांव डॉक और पारस डिफेंस एंड स्पेस टेक्नोलॉजीज के शेयरों में भी कारोबार के दौरान 3 फीसदी तक की उछाल देखने को मिली।
राफेल डील की चर्चा ने बढ़ाई तेजी
डिफेंस शेयरों में यह तेजी ऐसे समय में आई है जब रक्षा मंत्रालय भारतीय वायुसेना के लिए 114 “मेड-इन-इंडिया” राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद योजना पर विचार कर रहा है। इस प्रोजेक्ट की कीमत 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है। इस प्रोजेक्ट में डसॉल्ट एविएशन और घरेलू पार्टनर्स के शामिल होने की उम्मीद है और इसमें 60% लोकलाइजेशन का लक्ष्य रखा गया है। अगर इसे मंजूरी मिलती है तो भारतीय वायुसेना के राफेल बेड़े की संख्या 176 तक पहुंच जाएगी।
तेजी का दूसरा कारण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) का मिला नया ऑर्डर रहा। कंपनी ने बताया कि 1 सितंबर 2025 के बाद से उसे 712 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर्स मिले हैं। इस खबर के बाद आज BEL के शेयर कारोबार के दौरान करीब 3% तक उछल गए
एक्सपर्ट्स ने दी सावधानी बरतने की सलाह
मार्केट एनालिस्ट्स डिफेंस सेक्टर को लेकर बुलिश बने हुए हैं, लेकिन मौजूदा वैल्यूएशन पर शेयरों में बिना सोचे-समझे निवेश करने से बचने की सलाह दे रहे हैं। मार्केट एक्सपर्ट निश्चल महेश्वरी ने बताया कि डिफेंस सेक्टर के पास “बहुत लंबा रनवे” है और मजबूत ऑर्डर विजिबिलिटी है, लेकिन निवेशकों को सही एंट्री प्वॉइंट का इंतजार करना चाहिए।
फिलहाल हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL) के पास 2 लाख करोड़ रुपये का ऑर्डर बुक है, जबकि मझगांव डॉक और कोचीन शिपयार्ड के पास क्रमशः 50,000 करोड़ से 70,000 करोड़ रुपये के बैकलॉग्स हैं।
प्रभुदास लीलाधर के अमनीश अग्रवाल ने डिफेंस सेक्टर को “स्ट्रक्चरल स्टोरी” बताया, जबकि दिग्गज निवेशक अजय बागा ने इसे “मल्टी-डिकेड अपॉर्च्युनिटी” करार दिया है, जिसे मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे पहल से बल मिल रहा है।
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