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40% तक गिर सकता है यह स्मॉलकैप शेयर! गोल्डमैन सैक्स ने दे दी बेचने की सलाह, ₹900 से नीचे आया भाव

CreditAccess Grameen Shares: गोल्डमैन सैक्स ने क्रेडिटऐक्सेस ग्रामीण के शेयरों पर अपनी 'बेचने (Sell)' की सलाह दोहराई है और इसके 577 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। यह इसमें मौजूदा स्तर से करीब 40 प्रतिशत गिरावट का अनुमान है। क्रेडिटऐक्सेस ग्रामीण के शेयर मंगलवार 14 जनवरी को 959 रुपये के भाव पर बंद हुए थे। इस स्टॉक का पिछले 52-हफ्तों का उच्चतम स्तर 1,736 रुपये है और इस स्तर से इसमें करीब 45 फीसदी की गिरावट आ चुकी है

अपडेटेड Jan 15, 2025 पर 10:39 PM
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CreditAccess Grameen Shares: ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (MFI) में तनाव जारी है

CreditAccess Grameen Shares: माइक्राफाइनेंस सेक्टर की कंपनी क्रेडिटऐक्सेस ग्रामीण के शेयरों में मौजूदा स्तर से करीब 40 फीसदी की और गिरावट आ सकती है। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्स ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में यह आशंका जताई है। ब्रोकरेज ने कहा कि माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (MFI) में तनाव जारी है और इनमें बेहतर होने को लेकर भी कोई उत्साहजनक संकेत नहीं मिल रहे हैं। इसके चलते उसे क्रेडिटऐक्सेस ग्रामीण पर अपने नेगेटिव राय बनाए रखने पर मजबूर होना पड़ा है।

गोल्डमैन सैक्स ने क्रेडिटऐक्सेस ग्रामीण के शेयरों पर अपनी 'बेचने (Sell)' की सलाह दोहराई है और इसके 577 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। यह इसमें मौजूदा स्तर से करीब 40 प्रतिशत गिरावट का अनुमान है। क्रेडिटऐक्सेस ग्रामीण के शेयर मंगलवार 14 जनवरी को 959 रुपये के भाव पर बंद हुए थे। इस स्टॉक का पिछले 52-हफ्तों का उच्चतम स्तर 1,736 रुपये है और इस स्तर से इसमें करीब 45 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।

शेयरों में बड़ी गिरावट

गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के बाद आज क्रेडिटएक्सेस ग्रामीण के शेयरों में तगड़ी गिरावट देखने को मिली। कंपनी के शेयर एनएसई पर 6.47 फीसदी गिरकर 897 रुपये के भाव पर बंद हुए।


गोल्डमैन सैक्स ने उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर बताया कि जिन लोगों ने MFIs के साथ रिटेल लोन भी लिया है, उनमें से करीब 37 फीसदी लोग या तो अपने MFI या रिटेल लोन पर डिफॉल्ट कर रहे हैं या फिर दोनों पर। गोल्डमैन सैक्स ने बताया कि इसमें रिटेल लोन का कम से कम 18 अरब डॉलर और माइक्रोफाइनेंस लोन का करीब 10 अरब डॉलर का योगदान है।

इसके अलावा ब्रोकरेज ने यह भी बताया कि मार्च 2024 के बाद से रिटेल प्रोडक्ट्स के चूक (slippages) में 1.20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जो अब 4.3% पर पहुंच गई है।

सरकार की पहल

इस बीच वित्त मंत्रालय के डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज ने 7 जनवरी से 16 जनवरी के बीच फिनटेक और माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कीं। इन बैठकों का उद्देश्य इंडस्ट्री द्वारा सामना की जा रही समस्याओं को समझना और उनसे फीडबैक लेना था। माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री उम्मीद कर रही है कि सरकार बजट में इस सेक्टर पर अधिक ध्यान देगी, जिससे इस सेक्टर के प्रति सेंटीमेंट बेहतर हो सकता है।

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