Crorepati Stocks: कैपेसिटी के आधार पर ग्रेफाइट इलेट्रोड्स बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी ग्रेफाइट इंडिया (Graphite India) के शेयरों में पिछले कुछ समय से अच्छी खरीदारी दिख रही है। इस महीने अब तक यह करीब 16 फीसदी उछल चुका है। वहीं लॉन्ग टर्म में इसने एक लाख के निवेश को करोड़पति बना दिया है। अब स्टील की बढ़ती मांग को देखते हुए ब्रोकरेज का अनुमान है कि इससे ग्रेफाइट इंडिया के कारोबार को सपोर्ट मिलेगा और इसे खरीदने की सलाह दी है। ब्रोकरेज के मुताबिक मौजूदा लेवल से इसके शेयर 17 फीसदी उछल सकते हैं। इसके शेयर आज बीएसई पर 0.03 फीसदी की मामूली तेजी के साथ 372.25 रुपये (Graphite India Share Price) पर बंद हुए हैं। हालांकि इंट्रा-डे में यह 383.50 रुपये तक पहुंचा था।
22 साल में Graphite India ने बना दिया करोड़पति
ग्रेफाइट इंडिया का शेयर 10 अगस्त 2001 को महज 3.50 रुपये में मिल रहा था। अब यह 10636 फीसदी ऊपर 372.25 रुपये पर है। इसका मतलब है कि ग्रेफाइट इंडिया के शेयरों ने निवेशकों को 22 साल में करोड़पति बना दिया और एक लाख रुपये का निवेश 1.07 करोड़ रुपये की पूंजी बन गई। पिछले एक साल में शेयरों के चाल की बात करें तो पिछले साल 1 अगस्त 2022 को यह एक साल के हाई 459.80 रुपये पर था। इसके बाद सात महीने में यह 45 फीसदी से अधिक फिसलकर एक साल के निचले स्तर 251.75 रुपये पर आ गया। इस निचले स्तर से अब तक यह 49 फीसदी से अधिक रिकवर हो चुका है और आगे भी अच्छी रिकवरी के आसार हैं।
अभी और कितनी रिकवरी की उम्मीद
रिसर्च फर्म आईसीआईसीआई डायरेक्ट के मुताबिक ग्रेफाइट इंडिया के शेयर मौजूदा लेवल से करीब 17 फीसदी ऊपर 440 रुपये तक पहुंच सकते हैं। कंपनी के लिए मार्च तिमाही खास नहीं रही और एनालिस्ट्स के अनुमान के मुताबिक नहीं रही। मार्च तिमाही में इसे 29 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हासिल हुआ जो सालाना आधार पर 69 फीसदी और तिमाही आधार पर 45 फीसदी कम रहा। वहीं कारोबारी क्षमता की बात करें तो मार्च तिमाही में इसका कंसालिडेटेड कैपेसिटी यूटिलाइजेशन 55 फीसदी रहा जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में यह 76 फीसदी पर था।
अब आगे की बात करें तो स्टील की मांग बढ़ रही है जिससे ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड्स की मांग को सपोर्ट मिलेगा। विश्व स्टील एसोसिएशन के मुताबिक इस साल स्टील की मांग 2.3 फीसदी उछलकर 182.2 करोड़ टन और अगले साल 2024 में 1.7 फीसदी उछलकर 185.4 करोड़ टन पहुंच सकती है। स्टील कंपनियां ईएएफ (इलेक्ट्रॉनिक आर्क फाइनेंस) प्रोसेस की तरफ शिफ्ट हो रही हैं जिसके चलते लॉन्ग टर्म में ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड्स की मांग बढ़ेगी। इस कारण ब्रोकरेज ने इसकी खरीदारी की रेटिंग को बरकरार रखा है।
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