कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के बोर्ड की बैठक 30 सितंबर को होगी, जहां चेयरपर्सन माधबी पुरी के खिलाफ आरोपों से जुड़े मसले पर चर्चा हो सकती है। सेबी की सितंबर में होने वाली बोर्ड की बैठक काफी अहम होगी। बुच पर हिंडनबर्ग द्वारा 10 अगस्त को लगाए गए आरोपों के बाद पहली बार यह बैठक हो रही है। हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी सेबी चेयरपर्सन पर कई आरोप लगाए थे।
मामले से वाकिफ एक सूत्र ने बताया, 'यह बड़ा मुद्दा है और इस पर निश्चित रूप से चर्चा होगी। ऐसी परिस्थिति में इस मामले पर चर्चा होने के दौरान चेयरपर्सन खुद को इस चर्चा से अलग कर लेंगी।' एक और सूत्र ने बताया, ' इस मामले (चेयरपर्सन पर लगे आरोप) पर पिछले एक हफ्ते या 10 दिनों से चर्चा चल रही है।' सितंबर की बैठक का एजेंडा अब तक तय नहीं पाया है।
एक और सूत्र ने बताया, 'इस तरह के मामले एजेंडा में लिस्टेड नहीं होते हैं, लेकिन इस पर चर्चा होगी।' 30 सितंबर को होने वाली बैठक में सेबी द्वारा पेश किए गए 11 कंसल्टेंशन पेपर पर भी चर्चा हो सकती है। इन पेपर्स पर लोगों से सलाह की समयसीमा बीत चुकी है और इन पर बोर्ड की बैठक में अंतिम फैसला हो सकता है। ये पेपर्स एक खास कैटेगरी के फंड्स के लिए 'म्यूचुअल फंड लाइट' रेगुलेशंस, PMS और म्यूचुअल फंड्स के लिए नए एसेट क्लास की शुरुआत आदि से संबंधित हैं।
सेबी के प्रवक्ता ने 30 सितंबर को होने वाली बोर्ड मीटिंग के एजेंडा के बारे में जानकारी के लिए भेजी गई ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया। घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि 10 अगस्त को हिंडनबर्ग का मामला सामने आने के बाद सेबी बोर्ड के कुछ सदस्य वीकेंड पर मार्केट रेगुलेटर के मुख्यालय में मिले और चेयरपर्सन द्वारा दिए गए डिस्क्लोजरसे जुड़े दस्तावेज की जांच की। एक सूत्र ने बताया, 'कुछ सदस्य ऑफिस में थे और उन सदस्यों के साथ भी संपर्क में थे, जो मौजूद नहीं थे। इन सदस्यों ने सेबी चेयरपर्सन के डिस्क्लोजर्स पर संतुष्टि जताई थी।'