सायंट के लिए यह वक्त अनिश्चित दिख रहा है। कंपनी के फ्यूचर प्लान को लेकर तस्वीर साफ नहीं है। सायंस का फोकस इंजीनियरिंग, मैन्युफैक्चरिंग, डेटा एनालिटिक्स, नेटवर्क और ऑपरेशंस पर रहा है। कंपनी ने फरवरी 2025 में सुकमल बनर्जी को नया सीईओ नियुक्त किया था। अब तक कंपनी की नई लीडरशिप की स्ट्रेटेजी के बारे में पता नहीं चला है। वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ साल दर साल आधार पर 5.8 फीसदी रही। हालांकि, डिजाइन आधारित मैन्युफैक्चरिंग (डीएलएम) सेगमेंट की ग्रोथ साल दर साल आधार पर 33 फीसदी रही।
EBITDA मार्जिन में गिरावट
डिजिटल इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी (DET) सेगमेंट की ग्रोथ साल दर साल आधार पर 2.2 फीसदी घटी। लेकिन, तिमाही दर तिमाही आधार पर यह ग्रोथ 1.3 फीसदी रही। रेवेन्यू में नरमी की वजह डील का स्थगित होने के साथ ही सस्टेनेबिलिटी वर्टिकल में सुस्ती रही। डीईटी रेवेन्यू में अच्छी ग्रोथ में एयरोस्पेस और कम्युनिकेशंस वर्टिकल्स में बढ़ती गतिविधियों का बड़ा हाथ है। EBITDA मार्जिन साल दर साल आधार पर 301 बेसिस प्वाइंट्स घटकर 14.9 फीसदी रहा।
डील के लिए अच्छी रही तीसरी तिमाही
कंपनी ने तीसरी तिमाही में 31.2 करोड़ डॉलर के ऑर्डर हासिल किए जो किसी एक तिमाही में सबसे ज्यादा है। यह साल दर साल आधार पर 5 फीसदी और तिमाही दर तिमाही आधार पर 100 फीसदी ज्यादा है। इसमें 13 बड़ी डील शामिल हैं, जिनकी कुल कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू 23.45 करोड़ डॉलर है। कंपनी के मैनेजमेंट का कहना है कि हालिया डील कम समय की हैं। इससे रेवेन्यू पर इनका असर जल्द दिखेगा। एयरोस्पेस सेगमेंट में डील की रफ्तार अच्छी रही है। कंपनी ने Deutsche Aircraft के साथ कई साल की एक बड़ी डील की है।
सेमीकंडक्टर सेगमेंट में एंट्री
Cyient ने अपनी सब्सिडियरी Cyient Semiconductors लॉन्च की है। इसके साथ ही कंपनी की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में एंट्री हो गई है। कंपनी का फोकस अप्लिकेशन-स्पेशिफिक इंटिग्रेटेड सर्किट (ASIC) सॉल्यूशंस पर होगा। इससे कंपनी की सेमीकंडक्टर सेवाओं में मजबूती आएगी। इसके अलावा कंपनी स्पेशियलाइज्ड चिप की ग्लोबल डिमांड भी पूरी करने की कोशिश करेगी। तीसरी तिमाही में कंपनी के एंप्लॉयीज की संख्या में 421 की कमी आई है। इसका मतलब है कि एट्रिशन यानी एंप्लॉयीज के कंपनी छोड़ने की रफ्तार बढ़ी है।
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क्या आपको निवेश करना चाहिए?
डायवर्सिफायड ERD कंपनियों के लिए पिछली 2-3 तिमाहियां मुश्किल रही हैं। इसकी वजह सेक्टर से जुड़ी चुनौतियां हैं। इसलिए डील तो मिली हैं, लेकिन रेवेन्यू ग्रोथ पर उनका ज्यादा असर नहीं पड़ा है। हालांकि, आगे DLM बिजनेस की ग्रोथ अच्छी रहने की उम्मीद है। कंपनी के शेयर 21 अप्रैल को 4.3 फीसदी उछलकर 1,240 रुपये पर बंद हुए। 2025 में सायंट का स्टॉक 31 फीसदी टूटा है। बीते एक साल में यह 36 फीसदी गिरा है। निवेशक इस स्टॉक में निवेश करने के लिए थोड़ा इंतजार कर सकते हैं।