Daily Voice : इस करेक्शन के बाद बाजार में आएगी जोरदार तेजी, बैंकिंग और मैन्युफैक्चरिंग शेयरों पर लगाएं दांव
Daily Voice : देवांग मेहता का अनुमान है कि बैंकिंग, ऑटोमोबाइल, इंफ्रास्ट्रक्चर, सीमेंट, कैपिटल गुड्स और फार्मास्यूटिकल्स अगले हफ्ते से शुरू होने वाले सितंबर तिमाही के नतीजों के मौसम में मजबूत प्रदर्शन करते दिखेंगे। वेल्थ मैनेजमेंट के क्षेत्र में 23 सालों से ज्यादा अनुभव रखने वाले देवांग का कहना है कि नतीजों के मौसम में दिग्गजों के साथ ही छोटी-मझोली कंपनियों के मैनेजमेंट की कमेंट्री और गाइडेंस पर भी बाजार की नजरें रहेंगी
Daily Voice : एफआईआई की बिक्री के असर को डीआईआई, खुदरा निवेशकों और एचएनआई की तरफ से हुई खरीदारी ने काफी कम कर दिया है। अब इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि हमारे बाजार इस करेक्शन के बाद फिर से नई तेजी पकड़ते दिखेंगे
Daily Voice : खाने-पीने की चीजों की कीमतों में कमी आई है। लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में बढ़त देखने को मिली है। इससे महंगाई बढ़ने की अशंका नजर आ रही है। ऐसा होने पर यूएस ट्रेजरी यील्ड में भी तेज बढ़त देखने को मिल सकती है। उम्मीद है कि आरबीआई एमपीसी इन फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए रेपो रेट पर यथास्थिति बनाए रखेगी। ये बातें मनीकंट्रोल के साथ हुई एक बातचीत में स्पार्क प्राइवेट वेल्थ (Spark Private Wealth) के देवांग मेहता (Devang Mehta)ने कही हैं।
देवांग मेहता का अनुमान है कि बैंकिंग, ऑटोमोबाइल, इंफ्रास्ट्रक्चर, सीमेंट, कैपिटल गुड्स और फार्मास्यूटिकल्स अगले हफ्ते से शुरू होने वाले सितंबर तिमाही के नतीजों के मौसम में मजबूत प्रदर्शन करते दिखेंगे।
वेल्थ मैनेजमेंट, इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी, इक्विटी रिसर्च, इक्विटी सेल्स और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट के क्षेत्रों में 23 सालों से ज्यादा अनुभव रखने वाले देवांग का कहना है कि नतीजों के मौसम में दिग्गजों के साथ ही छोटी-मझोली कंपनियों के मैनेजमेंट की कमेंट्री और गाइडेंस पर भी बाजार की नजरें रहेंगी।
त्योहारी सीजन मजबूत रहने की संभावना
इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि आने वाला त्योहारी सीजन मजबूत रहने की संभावना है। देश में लोगों की कमाई बढ़ रही है। प्रति व्यक्ति जीडीपी 2500 डॉलर के आसपास पहुंच गई है। ऐसे में लोगों के गैर-जरूरी खर्चों में भी इजाफा हो रहा है। देश में तमाम प्रीमियम बैंड्स की बिक्री बढ़ी है। ये लोगों की बढ़ती क्रय शक्ति का संकेत है। महंगाई की ऊंची दर के बावजूद अपर मिडिल और मिडिल क्लॉस से गैर-जरूरी खर्चों (Discretionary spending) में कोई कमी नहीं आई है।
भारत में त्योहारी सीजन आम तौर पर अगस्त में ओणम और रक्षाबंधन के साथ शुरू होता है और दिसंबर तक जारी रहता है। फैशन, आभूषण और जूते के ब्रांड डबल डिजिट ग्रोथ की उम्मीद में हैं। साथ ही, इस साल, नवंबर में शुरू होने वाले शादी के सीज़न की तैयारी, त्योहारी सीज़न के साथ मेल चल रही है। इससे भारतीय परंपरागत परिधान और इनकी एनसिलरी की मांग मे तेजी की उम्मीद है। भारत में इस हफ्ते से शुरू होने वाला आईसीसी क्रिकेट विश्व कप भी ट्रैवल और टूरिज्म के लिए एक बड़े बूस्टर का काम करेगा।
ग्रीन एनर्जी से जुड़े शेयरों में निवेश के मौके
क्या इस समय एनर्जी सेक्टर निवेश के लिए अच्छा लग रहा है? इसके जवाब में देवांग ने कहा कि एनर्जी सेक्टर में काफी बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। बाजार का रुझान ग्रीन एनर्जी की तरफ बढ़ रहा है। अनुकूस सरकारी नीतियां, देश में बिजली की कमी और क्लीन एनर्जी की तरफ बढ़ते रुझान के चलते लंबी अवधि के नजरिए से ग्रीन एनर्जी से जुड़े शेयर काफी अच्छे दिख रहे हैं।
भारत में रिन्यूएबल एनर्जी थीम ने गति पकड़ ली है। देश तेजी से इस बदलाव को अपनाने वाले ग्लोबल लीडर्स में से एक बन गया है। सरकार ने 2030 तक 450 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी विकसित करने का लक्ष्य रखा है। देश के कुछ दिग्गज कारोबारी घराने इस सेक्टर में भारी निवेश कर रहे हैं। इस भारी बदलाव के दौर में इस सेक्टर में मजबूत ग्रोथ आउटलुक और अच्छी गुणवत्ता वाले स्टॉक खोजें। ये आगे आपको अच्छे पैसे बना कर देंगे।
मैन्युफैक्चरिंग, बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर निवेश के लिए अच्छे
निवेश के लिए कहां है आपकी नजर ? इसका जवाब देते हुए देवांग ने कहा कि आगे हमें बढ़ते पूंजी खर्च से जुड़ी कंपनियों में तेजी देखने को मिलेगी। इसमें इंफ्रा और कैपिटल गुड्स सेक्टर की कंपनियां शामिल हैं। इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग, बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर भी निवेश के लिए अच्छा नजर आ रहा है। दूसरे फाइनेंशियल्स की तुलना में बैंक ज्यादा अच्छे लग रहे हैं।
क्या आपको लगता है कि मौजूदा कंसोलीडेशन के बावजूद बाजार इस कैलेंडर वर्ष के अंत तक 10 फीसदी से ज्यादा की तेजी दिखाएगा? इसके जवाब में देवांग ने कहा कि महंगाी की ऊंची दर और उच्च ब्याज दरों के कारण ग्लोबल मार्केट कंसोलीडेशन के दौर से गुजर रहे हैं। इसके चलते भारत सहित दूसरे उभरते बाजारों में काफी बिकवाली हुई है। सितंबर महीने में जापान, ताइवान, चीन और यूरो एरिया जैसे देशों में सबसे ज्यादा बिकवाली हुई है।
इस करेक्शन के बाद फिर से नई तेजी पकड़ते दिखेगा बाजार
भारत में, एफआईआई की बिकवाली का स्तर तुलनात्मक रूप से कम रहा है। निवेशकों को लग रहा है कि बढ़ते औद्योगिकीकरण, पूंजीगत व्यय और अनुकूल कारोबारी नीतियों के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में आगे मजबूत ग्रोथ देखने को मिलेगी। इस वजह से दूसरे उभरते देशों की तुलना में भारतीय बाजारों में एफआईआई की बिकवाली कम रही है। यह भी ध्यान में रखने कि बात है कि एफआईआई की बिक्री के असर को डीआईआई, खुदरा निवेशकों और एचएनआई की तरफ से हुई खरीदारी ने काफी कम कर दिया है। अब इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि हमारे बाजार इस करेक्शन के बाद फिर से नई तेजी पकड़ते दिखेंगे।
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